
धर्म की आड़ लेकर लोक सभा चुनाव की तैयारियां शुरु, खोई हुई राजनीति के लिए निकाली रथ यात्रा
ललितपुर. बुंदेलखंड ही नहीं अपितु कई प्रदेशों में जिनके नाम से राजनीति में दबदबा बनाया जाता था और उत्तर प्रदेश के बारे में तो यह कहा जाता है कि यहां की राजनीति बुंदेला बंधु के नाम से शुरू होती थी। यहां पर प्रदेश का मुख्यमंत्री भी इसी घराने से तय किया जाता था मगर आज वह घराना अपनी राजनीतिक जमीन तलाशने में जुटा हुआ है तथा अपनी डूबती हुई राजनीति की कश्ती को किनारे लगाने के लिए जनपद की जैन समाज में अपना स्थान बनाने के उद्देश्य को लेकर बुंदेला बंधु द्वारा एक रथ यात्रा वाहन रैली का आयोजन किया गया।
यह रैली जनपद ललितपुर से प्रारंभ होकर मध्य प्रदेश के जनपद टीकमगढ़ के अंतर्गत अतिशय क्षेत्र पपौरा जी तक जाएगी। जहां पर जैन समाज के आचार्य भगवन मुनिश्री 108 विद्यासागर जी महाराज ससंग इसी स्थान पर विराजमान है। इस रैली का आयोजन पूर्व सांसद सुजान सिंह बुंदेला तथा उनके पुत्र चंद्रभूषण बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा द्वारा किया गया। यह रैली ललितपुर जिला मुख्यालय से चलकर पपौरा जी लगभग 65 किलोमीटर का सफर तय कर मुनि श्री के चरणो में पहुंचेगी।
राजनीतिक जमीन खिसकती हुई नजर आ रही
हालांकि इस रैली का उद्देश्य आचार्य भगवन 108 विद्यासागर जी मुनिराज को ललितपुर आगमन का न्योता देने एवं उन्हें श्रीफल भेंट करने का बताया गया है। मगर दूसरी ओर अगर इसे राजनीति से जोड़कर देखा जाए तो हाल ही में लोकसभा चुनाव होने वाले है। बुंदेला बंधु उत्तर प्रदेश के साथ-साथ जनपद की राजनीति में कद्दावर नेता माने जाते थे मगर विगत कई वर्षों से इनकी राजनीतिक जमीन खिसकती हुई नजर आ रही है।
लड़ाई वर्षों से चली आ रही
लोकसभा हो या विधानसभा चुनाव मगर कई सालों से बुंदेला बंधु ने जीत का स्वाद नहीं चखा और जिसका मुख्य कारण जैन समाज का बुंदेला बंधु परिवार से मोहभंग भी माना जाता रहा है। क्योंकि बुंदेला बंधु द्वारा जैन मंदिर क्षेत्रपाल की जमीन के एक टुकड़े पर कब्जा करना बताया गया है। इसी को लेकर जैन समाज और बुंदेला बंधु में एक लड़ाई वर्षों से चली आ रही है।
लोकसभा चुनावों की तैयारियों से जुड़ा रथ यात्रा का मुख्य उद्देश
अगर जानकारों की माने तो इस रथ यात्रा का मुख्य उद्देश लोकसभा चुनावों की तैयारियों से जुड़ा हुआ है। जिसके लिए बुंदेला बंधु परिवार एक राजनीतिक जमीन के अलावा जैन समाज में अपना भरोसा कायम में जुटा हुआ है और यह प्रयास वह कई बार कर चुके है मगर उन्हें इसमें सफलता अभी तक अर्जित नहीं हुई। ऐसा नहीं है कि पूरी जैन समाज उनसे विरक्त है जैन समाज के कईजैन बन्धुओं के साथ व्यवसाई बंधुओं का लगावआज भी उनके साथ हैं हां इतना जरूर है कि अब तक जैन समाज उनसे खफा है।
रथ यात्रा में नदारद रही जैन समाज
यह यात्रा जिस उद्देश्य को लेकर शुरू की गई थी। वह उद्देश्य पूरा होता दिखाई नहीं दिया। इस रथ यात्रा में लगभग 115 चार पहिया वाहन जाते हुए दिखाई दिए मगर उन वाहनों में या सड़कों पर जैन समाज का कोई भी व्यक्ति नजर नहीं आया। दूसरे शब्दों में हम यह कह सकते हैं कि जैन समाज ने इस रैली को नकार दिया है। यह रैली दिगंबर जैन मुनि आचार्य 108 विद्यासागर जी महाराज के पास तक पहुंचने के लिए निकाली गई थी। जिसमें माना जा रहा था कि जैन समाज अपनी भागीदारी निभाएगा इसके बावजूद जैन समाज इस रैली से नदारद नजर आया।
जगह जगह हुआ रैली का सत्कार
जब यह रैली जिला मुख्यालय से शुरू हुई तो इस रैली का स्वागत जिला मुख्यालय से शुरू हो गया। जिला मुख्यालय के बाद गांव गांव में इस रैली का स्वागत किया गया उसके बाद कस्बा महरौनी में भी इस रैली का जोरदार स्वागत किया गया। मगर इस पूरे स्वागत-सत्कार में भी जैन समाज कहीं भी नजर नहीं आए हां छिटपुट जैन समाज के लोग जरूर इस रैली को देखने के लिए आए।
Published on:
21 May 2018 05:54 pm
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