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ICICI-Videocon Loan Case: चंदा कोचर के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं 20 सवाल

locationनई दिल्लीPublished: May 19, 2019 06:32:58 pm

Submitted by:

Ashutosh Verma

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तहकीकात में 13 मई से लेकर अगले पांच दिनों तक 60 घंटे से अधिक समय तक की गई पूछताछ।
100 सवालों में से 20 सवालों के जवाब संतोषप्रद नहीं।
ईडी ने चंदा कोचर से 10 मुख्य सवाल किया।

नई दिल्ली। आईसीआईसीआई बैंक ( icici bank ) की पूर्व सीईओ व प्रबंध निदेशक चंदा कोचर ( Chanda Kochhar ) और उनके पति दीपक कोचर ईडी द्वारा उनसे पूछे गए 100 सवालों में से 20 सवालों के संतोषप्रद जवाब देने में विफल रहे। जांच एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तहकीकात में 13 मई से लेकर अगले पांच दिनों तक 60 घंटे से अधिक समय तक की गई पूछताछ के दौरान उनसे 100 सवाल किए गए, जिनमें से 20 सवालों के संतोषप्रद जवाब देने में वे विफल रहे।


क्या है मामला

ईडी वीडियोकॉन के 1,875 करोड़ रुपये के मामले में कोचर दंपति से पूछताछ कर रही है। मामला वर्ष 2009 और 2011 के दौरान आईसीआईसीआई बैंक द्वारा वीडियोकॉन समूह को कर्ज की राशि को मंजूरी प्रदान करने में बरती गई कथित अनियमितता से जुड़ा है। एजेंसी के सूत्रों ने बताया कि दिल्ली के खान मार्केट स्थित ईडी मुख्यालय में दंपति से की गई पूछताछ के दौरान वे 20 सवालों के अपने जवाब के पक्ष में प्रामाणिक सबूत पेश नहीं कर पाए। कोचर दंपति से 13 मई से लेकर अगले पांच दिनों तक पूछताछ की गई, जिस दौरान उन्हें अपनी बात साबित करने के लिए दस्तावेज पेश करने को कहा गया। उनका कहना था कि उनके खिलाफ आरोप झूठे हैं।

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ईडी ने चंदा कोचर से 10 मुख्य सवाल किया

सूत्रों ने बताया कि कई सवालों के जवाब में कोचर दंपति ने दस्तावेज पेश किए, जिसके बाद जांचकर्ताओं ने उन बिंदुओं पर और संदेह नहीं किया, लेकिन 100 में से 20 सवालों को उन्होंने अस्पष्ट जवाब दिए। ज्यादातर सवाल कोचर परिवार और वीडियोकॉन समूह के बीच सौदे में गड़बड़ी और कर्ज की मंजूरी में बरती गई अनियमितताओं पर आधारित थे। ईडी ने चंदा कोचर से 10 मुख्य सवाल किए जिनमें से एक सवाल यह किया गया कि जब कंपनी की ओर से आईसीआईसीआई बैंक के पास पहली बार जून 2009 में कर्ज का प्रस्ताव आया, तब क्या उनको अपने पति के वीडियोकॉन के अध्यक्ष वेणुगोपाल धूत के साथ संयुक्त उपक्रम के बारे में पता था?


चंदा कोचर ने क्या कहा

सूत्रों के मुताबिक, चंदा ने इस सवाल का नकारात्मक जवाब दिया। उनसे दूसरा सवाल यह पूछा गया कि क्या वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को जून, 2009 से लेकर अक्टूबर, 2011 के दौरान कर्ज की मंजूरी देने वाली आईसीआईसीआई बैंक की ऋण को मंजूरी प्रदान करनेवाली विभिन्न समितियों को दीपक कोचर-धूत के संबंध के बारे में जानकारी थी। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने इस बात की जानकारी से खुद के अवगत होने से इनकार कर दिया। चंदा कोचर से तीसरा सवाल पूछा गया कि उनको दीपक कोचर और धूत के उपक्रम के बारे में कब पता चला?

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सूत्रों के अनुसार, उन्होंने इसका भी स्पष्ट जवाब नहीं दिया। चौथा सवाल यह था कि उन्होंने उपक्रम के बारे संबंधित अधिकारियों के पास शिकायत क्यों नहीं की। ईडी के सूत्रों ने बताया कि इसका भी जवाब चंदा कोचर ने अस्पष्ट दिया। पांचवां सवाल यह था कि क्या उनको मालूम था कि धूत द्वारा दीपक कोचर के प्रबंधन वाली कंपनी मेसर्स एनआरएल 64 करोड़ रुपये हस्तांतरित किए जाने के बारे में जानकारी थी। इसके अगले ही दिन वीडियोकॉन इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड को सात सितंबर 2009 को 300 करोड़ रुपये का कर्ज प्रदान करने की मंजूरी दी गई थी। चंदा कोचर ने इस सवाल पर ‘नहीं’ कहा। चंदा से छठा सवाल एनआरएल को लेकर किया गया, जिस पर उन्होंने कंपनी के बारे में जानकारी होने की बात स्वीकारी, लेकिन कहा कि उनको कंपनी के कामकाज की जानकारी नहीं थी।

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