
Airtel is working with DGFT to remove itself from Blacklist
नई दिल्ली। विदेश व्यापार महानिदेशालय यानी डीजीएफटी की कार्रवाई के बाद एयरटेल ने शेयर बाजार को कहा है कि कंपनी का नाम 'प्रवेश निषेध सूची' यानी डीईएल से बाहर निकालने के लिए डीजीएफटी के साथ काम कर रही है। कंपनी ने सूचना में इस बात की भी जानकारी दी कि डीजीएफटी की इस कार्रवाई के बाद भविष्य में निर्यात या आयात करने की क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ेगा। आपको बता दें कि कॉरपोरेट मिनिस्ट्री ने टेलीकॉम कंपनी को एस्पोर्ट प्रोमोशन स्कीम के तहत निर्यात प्रतिबद्धता पूरी ना करने पर डीईएल में डाल दिया था। जिसके बाद भारती एयरटेल का यह बयान आया है।
बाजारों को दी सूचना
कॉरपोरेट मिनिस्ट्री के अंडर में आने वाले डीजीएफटी ने कंपनी को उसे जारी कुछ पूंजीगत उत्पादों के ईपीसीजी के तहत निर्यात प्रतिबद्धताओं को पूरा ना करने पर ब्लैक लिस्ट में डाल दिया था। जिसके बाद एयरटेल ने बुधवार को शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि कंपनी डीजीएफटी कार्यालय के साथ इस मामले को तेजी से निपटाने और कंपनी का नाम डीईएल से बाहर निकलवाने के लिए काम कर रही है। एयरटेल ने कहा कि इस कार्रवाई से उसकी भविष्य में आयात या निर्यात करने की क्षमता प्रभावित नहीं होगी।
नहीं किया कोई आवेदन
भारती एयरटेल ने कहा कि उसने अप्रैल, 2018 से इस तरह के लाइसेंस के लिए आवेदन नहीं किया है क्योंकि उसे परिचालन के लिए इसकी जरूरत नहीं है। कंपनी ने कहा कि उसने पूर्व के लाइसेंसों की सभी प्रतिबद्धताओं को पूरा किया है और अधिकारियों के पास इन लाइसेंसों को समाप्त करने के लिए जरूरी दस्तावेजों के साथ आवेदन किया है।
Updated on:
29 Jan 2020 06:08 pm
Published on:
29 Jan 2020 06:06 pm
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