
नई दिल्ली। ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील ( Snapdeal ) साल 2017 में स्लोडाउन के बाद जबरदस्त कमबैक की तैयारी कर रही है। अब इस कंपनी में पीरामल ग्रुप ( Piramal Group ) के एग्जीक्युटिव निदेशक आनंद पीरामल ( Anand Piramal ) द्वारा निवेश की खबरें आ रही हैं। हालांकि, अभी तक यह नहीं पता चल सका है कि आनंद पीरामल स्नैपडील में आखिर कितनी पूंजी का निवेश कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आनंद पीरामल व्यक्तिगत तौर पर इस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म में पैसा लगा रहे हैं। पीरामल ने अपने बयान में कहा कि स्नैपडील देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों में लोगों को अपील करने में सफल रही है। उन्होंने भी कहा कि स्नैपडील की रेवेन्यू में 2017 के बाद इजाफा हुआ है।
यह भी पढ़ें -
छोटे शहरों पर फोकस
बता दें कि अगस्त 2017 में स्नैपडील ने फ्लिपकार्ट के साथ 8.50 करोड़ डॉलर के प्रस्तावित विलय से पीछे हट गया था। बीते कुछ समय में भारतीय ई-कॉमर्स मार्केट में अमेजन भी अच्छी पकड़ बना चुका है, जिसके बाद स्नैपडील को नुकसान उठाना पड़ा। हालांकि, स्नैपडील ने अपने ग्रोथ को कीमत मूल्य के प्रति सजग खरीदारों के आधार पर बताया है। कंपनी ने कहा ने कहा कि उसके ग्राहक 40 करोड़ लोग हैं जो अभी भी पहली बार ऑनलाइन शॉपिंग को तवज्जो दे रहे हैं। कंपनी ने कहा है कि इस बाजार में करीब 163 अरब रुपये की कीमत है जोकि कुल ऑनलाइन मार्केट का केवल 1-2 फीसदी ही है।
यह भी पढ़ें -
पिछले दो सालों में कंपनी को हुआ नुकसान
इस मामले से जुड़े एक जानकार का कहना है कि साल 2017 में अमेजन और फ्लिपकार्ट द्वारा आक्रामक प्रतिस्पर्धा के दौर में स्नैपडील पिछड़ गई। उस दौरान स्नैपडील के पास बैंक में कुछ खास नकदी नहीं थी। स्नैपडील के पास कोई अन्य विकल्प नहीं था। स्नैपडील का समेकित राजस्व वित्त वर्ष 2018 में वित्त वर्ष 2019 में घटकर 535.3 करोड़ रुपये हो गया, जिसने 12 महीने की अवधि में लगभग 73 फीसदी की तेज वृद्धि दर्ज की। इसके अलावा, वित्त वर्ष 1919 में इसका घाटा लगभग 71 प्रतिशत घटकर 611 करोड़ रुपये से 186 करोड़ रुपये हो गया।
Updated on:
23 Jul 2019 07:08 pm
Published on:
23 Jul 2019 07:07 pm
बड़ी खबरें
View Allकॉर्पोरेट वर्ल्ड
कारोबार
ट्रेंडिंग
