
अनिल अंबानी की बढती जा रही मुश्किलें, अब सरकार के स्पेक्ट्रम का भुगतान करने के नहीं हैं पैसे
नई दिल्ली।रिलायंस कॉम्युनिकेशंस ( rcom ) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। हाल ही में हुए एरिक्सन विवाद से बचाने के लिए अनिल अंबानी के भाई मुकेश अंबानी मदद के लिए आगे आए थे। अब एक बार फिर टेलिकॉम डिपार्टमेंट को 492 करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम बकाया का भुगतान करने में कंपनी असफल रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अनिल अंबानी की कंपनी तीसरी बार डिफॉल्टर्स की लिस्ट में शामिल हुई है।
dot ने दी जानकारी
कर्ज के बोझ में दबे मुकेश अंबानी का पास एक बार फिर सरकार के स्पेक्ट्रम का भुगतान करने के लिए पैसे नहीं हैं। इसके साथ ही डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकॉम्युनिकेशंस (DoT) ने जानकारी देते हुए कहा कि वह कारण बताओ नोटिस देने या ऑपरेटर से स्पेक्ट्रम वापस लेन से पहले ट्राइब्यूनल के आदेश का इंतजार करेगा। उसके बाद ही किसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।
NCLTA 30 अप्रैल को करेगा केस की सुनवाई
नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्राइब्यूनल (NCLAT) 30 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई करेगा। इसके साथ ही ट्राइब्यूनल उस दिन इन्सॉलवेंसी फाइल करने के लिए RCom के आवेदन पर भी विचार करेगा। मामले की जानकारी देते हुए एक व्यक्ति ने बताया कि अनिल अंबानी की कंपनी को सरकार को 492 करोड़ रुपए का भुगतान करने के लिए अंतिम तारीख 19 अप्रैल मिली थी, जिसमें 10 दिन का ग्रेस पीरियड शामिल है और कंपनी ने अभी तक स्पेक्ट्रम का भुगतान नहीं किया है।
दो बार पहले भी नहीं कर पाई भुगतान
आपको बता दें कि ऑपरेटर ने जानकारी देते हुए बताया कि इससे पहले भी 5 अप्रैल और 13 मार्च को भी भुगतान करने में असफल रही है। कंपनी को 5 अप्रैल को 281 करोड़ रुपए और 13 मार्च को 21 करोड़ रुपए का भुगतान करना था, जो कंपनी नहीं कर पाई है।
भुगतान न करने पर वापस लेगें स्पेक्ट्रम
बकाया का भुगतान न करने के बाद DoT ने टेलिकॉम कंपनी को कारण बताओ नोटिस जारी किया था और उससे भुगतान की मांग की थी। इसके साथ ही पूछा कि क्यों ना इसका लाइसेंस और स्पेक्ट्रम वापस ले लिया जाए। हालांकि, अपीलेट ट्राइब्यूनल ने DoT के नोटिस पर स्टे लगा दिया।
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Updated on:
27 Apr 2019 11:33 am
Published on:
27 Apr 2019 11:27 am
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