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टाटा, बिड़ला नहीं बल्कि ये आम आदमी कर सकता है जेट एयरवेज का उद्धार, ये है मामला

Published: Apr 25, 2019 10:10:38 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

ब्रिटिश कंपनी एटमॉस्फियर इंटरकांटिनेंटल एयरलाइंस के फाउंडर जेसन साधा जेट से संपर्क
जेसन अंसवर्थ ने बताया जेट एयरवेज को एक बार फिर से खड़ा करने का पूरा प्लान
जेसन ने कहा, जेट के कर्मचारियों के आए हैं उनकी कंपनी के पास आवेदन
जेट एयरवेज के बंद होने से कंपनी के 20 हजार कर्मचारी आ गए हैं सड़क पर

Jet airways

टाटा, बिड़ला नहीं बल्कि ये आम आदमी कर सकता है जेट एयरवेज का उद्धार, ये है मामला

नई दिल्ली। देश की सबसे पुरानी एयरलाइन जेट एयरवेज डूब चुकी है। इस डूबते हुए जहाज में कोई पांव रखना नहीं चाहता है। ताज्जुब की बात तो ये है कि देश में टाटा, बिड़ला, अडानी, रिलायंस जैसे बड़े कारोबारी ग्रुप है, जो जेट एयरवेज को खड़ा करने के लिए सामने आ सकते थे, लेकिन इस डूबते जहाज को किनारे तक पहुंचाने में किसी ने हिम्मत नहीं दिखाई। ताज्जुब की बात तो ये है कि इस जहाज के पंखों को हवा देने के लिए एक विदेशी ने दिलचस्पी दिखाई है। इस ब्रिटिश नागरिक के पास जेट एयरवेज को एक बार फिर से आसमान में सैर कराने का पूरा प्लान है। बीते कुछ दिनों से उसकी जेट के पदाधिकारियों से बातचीत भी चल रही है। खास बात तो ये है कि यह एक आम कारोबारी है। कोई बड़ा नाम नहीं है। साथ किसी विमान कंपनी का संचालन करने का अनुभव नहीं है। उसके बाद भी वो जेट को अपने हाथों में लेने के बारे में कह रहा है।

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यह शख्स चाहता है जेट एयरवेज
ब्रिटिश उद्यमी जेसन अंसवर्थ ने जेट एयरवेज के सीईओ विनय दूबे को लिखा है कि वो जेट एयरवेज की हिस्सेदारी लेना चाहता है। ताकि कंपनी और उसके विमानों को दोबारा से शुरू किया जा सके। कंपनी के पदाधिकारी से पहले जेसन इस बारे में जेट के उधारदाताओं को लेटर लिखा था, लेकिन बैंकों ने अभी तक उसका जवाब नहीं दिया है। जेसन के अनुसार जेट एयरवेज की ओर से जवाब मिला है। वो कंपनी के पदाधिकारियों के टच में हैं। आपको बता दें कि जेसन अंसवर्थ ने स्टार्टअप एटमॉस्फियर इंटरकांटिनेंटल एयरलाइंस 2015 में स्थापित किया गया था, और लंदन स्टैनस्टेड एयरपोर्ट के लिए सेवाएं शुरू करने की कोशिश कर रहा है।

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जेसन की कंपनी के पास भी आए जेट कर्मचारियों के आवेदन
अंसवर्थ का कहना है कि वो कर्मचारियों को उनकी तनख्वाह मिलते देखना चाहते हैं। साथ ही जेट एयरवेज की बाकी संपत्तियों के खोने से पहले इसका ऑपरेशन दोबारा से शुरू होते हुए देखना चाहते हैं। उन्होंने आगे कहा कि दूसरी एयरलाइंस जेट के प्रतिभाशाली कर्मचारियों को अपनी ओर खींचने का प्रयास कर रहे हैं। इसलिए जेट की प्रतिभाएं सारी खो जाएं उससे जितनी जल्दी हो सके जेट परिचालन शुरू होना काफी जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि एटमॉस्फियर एयरलाइंस की भारतीय इकाई को भी जेट एयरवेज के कर्मचारियों के सैकड़ों आवेदन मिले हैं, जो नौकरी की तलाश कर रहे हैं।

Jason Unsworth

जल्द ही इन देशों में उड़ान शुरू करेगी जेसन की कंपनी
जेसन ने कई एयरलाइंस में क्रू मेंबर और ग्राउंड स्टाफ के तौर पर काम है, लेकिन एयरलाइन चलाने का अनुभव नहीं है। उसके बाद भी उन्होंने भरोसा दिलाया है कि एटमॉस्फियर इंटरकांटिनेंटल एयरलाइंस के पास सीनियर मैनेज्मेंट की ऐसी टीम है इसे संभालने में पूरी तरह से सक्षम हैं। एयरलाइन जल्द ही बैंकॉक, दुबई और भारत के लिए उड़ानें शुरू करने की योजना है।

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जेसन और उसके निवेशकों की जेट में रुचि
एटमॉस्फियर इंटरकांटिनेंटल एयरलाइंस के संस्थापक और सीईओ जेसन ने कहा है कि उन तमाम देनदारियों से अवगत हैं, जिनका जेट का सामना कर रही है। उनके पास इन पर काबू पाने की योजना है। उन्होंने कहा कि एटमॉस्फियर इंटरकांटिनेंटल एयरलाइंस के पास कई निवेशक हैं जो एटमॉस्फियर में रुचि रखते हैं और निवेशकों ने जेट एयरवेज में भी निवेश करने की इच्छा प्रकट की है। जेसन ने इससे ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया है। आपको बता दें कि जेट एयरवेज पर बिडिंग करने के लिए निवेशक का कुल नेटवर्थ 1,000 करोड़ रुपए और 1,000 करोड़ रुपए अलग से फंड होना जरूरी है। जेसन का साफ कहना है कि उनके पास ऐसे कई साझीदार हैं तो जेट एयरवेज को दोबारा से जीवित कर सकते हैं।

Atmosphere

कुछ ऐसा है जेसन का प्लान
जेट एयरवेज अगर जेसन के हाथों में आ जाता है तो वो एक बार फिर से लंबी दूरी की उड़ानों को दोबारा शुरू करेंगे। जेसन जेट का हीथ्रो एयरपोर्ट से एक बार फिर से ऑपरेशन शुरू करेंगे। इसके अलावा मैनचेस्टर जाने वाली कनेक्टीविटी को एक बार फिर से शुरू करना पसंद करेंगे। इसके अलावा दूसरे नए मार्गों पर उड़ान शुरू करने का प्रयास करेंगे। आपको बता दें कि एतिहाद एयरवेज ने हीथ्रो में उन स्लॉट्स को वापस ले लिया है, जो उसने जेट एयरवेज को पट्टे पर दिए थे।

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क्या है मामला
आपको बता दें कि जेट एयरवेज पर 8,200 करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज है। जिसको चुकाने में कंपनी पूरी तरह से असमर्थ है। वहीं दूसरी ओर कंपनी के पास एयर फ्यूल तक के लिए रुपए नहीं है। जिसके चलते एयरलाइन ने 17 अप्रैल को अपने परिचालन अस्थाई रूप से बंद कर दिया था। जिसकी वजह से एयरलाइन के करीब 20 हजार से ज्यादा कर्मचारी सड़क पर आ गए हैं। कर्मचारियों का वेतन तक नहीं दिया गया है। एयरलाइन ने स्लॉट, विमान खो दिए हैं। कंपनी कर्मचारी देश के प्रधानमंत्री से लेकर राष्ट्रपति तक जेट समाधान को लेकर खत लिख चुके हैं। ऐसे जेसन का आना कर्मचारियों और जेट एयरवेज दोनों के लिए अच्छी खबर है। अब देखने वाली बात होगी कि लेनदान बैंक जेसन के इस ऑफर को कितनी गंभीरता से लेते हैं।

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