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बाबा के चक्कर में फंसे देश के दिग्गज कारोबारी गंवा दिए 2600 करोड़ रुपए

कारोबारी जगत में मलविंदर सिंह और शिवेंदर सिंह दो साल पहले से लगातार चर्चा में हैं। फर्क यह है कि पहले जहां इनके बिजनेस के फलने-फूलने की खबरें थीं, तो अब इसकी नाकामी की सुर्खियां बन रही हैं।

नई दिल्लीAug 31, 2018 / 12:01 pm

manish ranjan

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बाबा के चक्कर में फंसे देश के दिग्गज कारोबारी गंवा दिए 2600 करोड़ रुपए

नई दिल्ली। कारोबारी जगत में मलविंदर सिंह और शिवेंदर सिंह दो साल पहले से लगातार चर्चा में हैं। फर्क यह है कि पहले जहां इनके बिजनेस के फलने-फूलने की खबरें थीं, तो अब इसकी नाकामी की सुर्खियां बन रही हैं। इन दोनों भाईयों का हेल्थ सेक्टर में बहुत बड़ा कारोबार है। लेकिन आज ये दोनों भाई बर्बाद होने की कगार पर खड़े हुए हैं। अरबों का बिजनेस करने वाले ये दोनों भाई आज मुश्किलों में फंस गया है और इनकी मुश्किलों में फंसने का कारण एक बाबा हैं। इन दोनो भाईयों की कर्ज में डूबने की कहानी किसी बॉलीवुड फिल्म से कम नहीं हैं। एक बाबा के चक्कर में फंस कर दोनो भाईयों ने 2600 करोड़ रुपए गंवा दिए।

ऐसे हुई मुलाकात
बता दे की गुरिंदर सिंह ढिल्लन राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के आध्यात्मिक गुरु हैं और ‘बाबाजी’ या ‘व्यास के संत’ के नाम से मशहूर हैं। सिंह परिवार इनका अनुयायी है और सिर्फ अनुयायी ही नहीं बल्कि ढिल्लन परिवार और सिंह परिवार में बहुत करीबी रिश्ता है। ढिल्लन रिश्ते में सिंह बंधुओं के मामा लगते हैं। ढिल्लन ने अपने एक करीबी गोधवानी का सिंह बंधुओं से परिचयर कराया और यह रिश्ता इतना करीबी हो गया कि उन्हें सिंह बंधुओं का ‘तीसरा भाई’ तक कहा जाने लगा। बाद में ढिल्लन के ही कहने पर सिंह बंधुओं ने गोधवानी को अपनी नॉन-बैंकिंग कंपनी रेलिगेयर इंटरप्राइजेज का प्रमुख बना दिया। उसके बाद जो हुआ उसने दोनो भाईयों को करोड़ों का कर्जदार बना दिया।
दोनो भाईयों ने बेची कंपनी
सिंह बंधुओं ने 2008 में अपनी कंपनी रैनबैक्सी को बेच दिया। बेचने से मिली करीब 9,500 करोड़ रुपये की नकदी में से सिंह बंधुओं ने 2,000 करोड़ रुपये टैक्स और पुराने लोन चुकाने में लगाए। बचे 7500 करोड़ रुपये में से 1,750 करोड़ रुपये रेलिगेयर में लगाया गया ताकि कंपनी में और तरक्की हो। इसी तरह 2,230 करोड़ रुपये फोर्टिस में ग्रोथ के लिए लगाए गए।
2,700 करोड़ रुपए हुए ट्रांसफर
उसके बाद 2,700 करोड़ रुपए गुरु ढिल्लन के परिवार की कंपनियों को ट्रांसफर कर दिया गया। इस तरह सिंह बंधुओं ने ढिल्लन परिवार को करीब 4000 से 5000 करोड़ रुपये ट्रांसफर कर दिए। लेकिन ये पैसे उनको वापस नहीं मिल पाए हैं। लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पा रहा कि ढिल्लन परिवार ने ये पैसे क्यों नहीं लौटाए। सिंह बंधुओं ने भी अभी तक ये नहीं बताया है की पैसा ढिल्लन परिवार को क्यों दिया गया था। लेकिन सिंह बंधुओं ने बाबा के करीबी गोधवानी पर ये पैसे बाबा को ट्रांसफर करने और रेलिगेयर और फोर्टिस में मनमाने तरीके से विस्तार के लिए पैसे लगाने का आरोप लगाया हैं।
इतने करोड़ के कर्जदार दोनो भाई
कुल मिलाकर कहें तो भारी नकदी से लबालब एक बड़ा कारोबारी परिवार आज बर्बाद होने की कगार पर पहुंच गया है। अब सबको अचरज हो रहा है कि उनके पास से यह करीब 22,500 करोड़ रुपये (9,500 करोड़ नकदी और 13,000 करोड़ कर्ज) कहां हवा हो गए। इतना ही नहीं दोनों भाइयों की कंपनियों के शेयर कर्जदारों के हाथ में चले गए हैं। अब अगर कुल मिला कर देखा जाए तो दोनो भाई 26,000 के कर्जदार हो चुके हैं।

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