6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

एनसीएलएटी आदेश: साइरस ने कहा व्यक्तिगत जीत नहीं, टाटा संस करेंगे आगे अपील

एनसीएलएटी के आदेश के बाद साइरस और टाटा संस की ओर से आए बयान अपीलेट अथॉरिटी ने साइरस मिस्त्री के पक्ष में सुनाया है फैसला, फिर होंगे चेयरमैन

2 min read
Google source verification

image

Saurabh Sharma

Dec 18, 2019

cyrus-ratan-tata.jpg

Cyrus Mistry said no personal victory, Tata Sons will further appeal

नई दिल्ली।नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल ( national company law appellate tribunal ) ने साइरस मिस्त्री ( Cyrus Mistry ) के पक्ष में फैसला सुनाने के बाद दोनों पक्षों की ओर से बयान आ गए हैं। जहां एक ओर साइरस मिस्त्री ने कहा है कि उनकी यह व्यक्तिगत जीत ना होकर सुशासन और अल्पसंख्यक शेयरधारक अधिकारों की जीत है। वहीं टाटा संस ( Tata Sons ) की ओर से एनसीएलएटी ( nclat ) के आदेश के खिलाफ आगे अपील के संकेत दिए गए हैं। आपको बता दें कि साइरस मिस्त्री ने एनसीएलएटी में टाटा संस के बोर्ड के आदेश के खिलाफ अपील की थी। जिस पर फैसला आया है।

मिस्त्री ने कहा कि
साइरस मिस्त्री ने अपने फैसले के बाद बयान में कहा कि आज का निर्णय मेरे लिए व्यक्तिगत जीत नहीं है, बल्कि सुशासन और अल्पसंख्यक शेयरधारक अधिकारों के सिद्धांतों की जीत है। अपील का परिणाम मेरे रुख का एक संकेत है। आपको बता दें कि मिस्त्री, टाटा संस के छठे अध्यक्ष थे, जिन्हें अक्टूबर 2016 में पद से हटा दिया गया था। रतन टाटा के रिटायरमेंट के बाद मिस्त्री को 2012 में अध्यक्ष का पद मिला था। मिस्त्री ग्रुप ने एनसीएलटी की मुंबई पीठ के 9 जुलाई के आदेश को चुनौती दी थी जिसमें टाटा संस के अध्यक्ष के रूप में उनके निष्कासन के खिलाफ याचिका खारिज कर दी थी, साथ ही रतन टाटा और कंपनी के बोर्ड की ओर से बड़े पैमाने पर कदाचार के आरोप भी थे।

टाटा संस करेंगे आगे अपील
आदेश के बाद टाटा संस ने अपने बयान में कहा कि एनसीएलएटी का आदेश अपीलकर्ता द्वारा मांगी गई विशिष्ट राहतों से भी आगे है। टाटा संस अपने मामले की मजबूती में विश्वास करती है और उचित कानून सहारा लेगी। आपको बता दें कि रतन टाटा और कंपनी के बोर्ड की ओर से साइरस मिस्त्री पर बड़े पैमाने पर कदाचार के आरोप लगाए थे। जिसके बाद साइरस मिस्त्री को इस्तीफा देना पड़ा था। जिसके खिलाफ नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल की मुंबई पीठ में मिस्त्री को हटाने को चुनौती देने वाली दो निवेश फर्म साइरस इन्वेस्टमेंट प्राइवेट लिमिटेड और स्टर्लिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्प द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था।