
Facebook के को-फाउंडर ने बोला जकरबर्ग पर हमला, कहा- जरूरत से ज्यादा ताकतवर हो गए हैं, कंपनी का टूटना जरूरी
नई दिल्ली।फेसबुक के को-फाउंडर रहे क्रिस ह्यूज ने मार्क जकरबर्ग पर हमला बोल दिया है। क्रिस ह्यूज ने जकरबर्ग पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह जरूरत से ज्यादा ताकतवर हो गए हैं, जिसका असर कंपनी पर पड़ेगा। इसके साथ ही ह्यूज ने कहा कि फेसबुक सोशल मीडिया के क्षेत्र में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए या तो अपनी प्रतिद्वंदी कंपनियों को खरीद लेता है या फिर उनकी नकल कर लेता है, जिसके कारण उसके सामने कोई भी प्रतिद्वंदी कंपनी टिक नहीं पाती है।
जरूरत से ज्यादा ताकतवर हो गए हैं जकरबर्ग
आपको बता दें कि सोशल मीडिया के क्षेत्र में फेसबुक का दबदवा है, जिसके कारण इनवेस्टर भी किसी प्रतिद्वंदी कंपनी में पैसा नहीं लगाते, क्योंकि उन्हें पता है कि वह ज्यादा दिन तक नहीं टिकेंगे। इसके साथ ही क्रिस ने कहा कि जकरबर्ग जरूरत से ज्यादा ताकतवर हो गए हैं, इसलिए अब फेसबुक का टूटना जरूरी है।
न्यूयॉर्क टाइम्स से मिली जानकारी के अनुसार
न्यूयॉर्क टाइम्स से मिली जानकारी के अनुसार ह्यूज ने आरोप लगाते हुए कहा कि जकरबर्ग ने दुनिया पर काफी प्रभाव डाला है और इनका प्रभाव काफी हैरान करने वाला है। वह सिर्फ फेसबुक पर ही नियंत्रण नहीं रखते हैं, बल्कि इसके अलावा इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप के बारे में भी वह सभी जानकारी रखते हैं। कंपनी का बोर्ड भी एक सलाहकार समिति की तरह काम करता है, न कि अपने हेड के कामों पर नजर रखने वाले के तौर पर।
साल 2004 में शुरू की थी फेसबुक
आपको बता दें कि जकरबर्ग और क्रिस ह्यूज ने साल 2004 में फेसबुक की शुरूआत की थी। ये दोनों दोस्त उस समय हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ते थे। हालांकि, आज से करीब 10 साल पहले क्रिस ह्यूज ने अपने दोस्त का साथ छोड़ दिया और खुद को उस कंपनी से अलग कर लिया था। फिलहाल इस समय क्रिस ह्यूज अमरीका में इकोनॉमिक सिक्योरिटी प्रोजेक्ट नाम के संगठन के साथ जुड़े हुए हैं और इसी संगठन के साथ काम कर रहे हैं। इस समय यह संगठन देश में यूनिवर्सल बेसिक इनकम लागू करने की मांग उठा रहा है।
दो अरब लोगों पर एक साथ रखते हैं नजर
इसके साथ ही क्रिस ह्यूज ने कहा कि फेसबुक की बढ़ती ताकत का नुकसान यह हो रहा है कि जकरबर्ग के पास बढ़ती ताकत को नियंत्रण करने का एकतरफा ताकत है। जकरबर्ग एक साथ दो अरब लोगों की बातचीत पर नजर रखते हैं और इसके साथ ही उसे सेंसर भी करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि जकरबर्क की पॉलिसीज के कारण ऑन्त्रप्रेन्योरशिप पर भी बड़ा खतरा पैदा हो रहा है। इससे उपभोक्ताओं के विकल्प भी सीमित होते हैं।
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Published on:
10 May 2019 01:25 pm
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