2018 में हुई थी जूपी की शुरुआत
दिलशेर, राजस्थान के बीकानेर से हैं। उन्होंने गेमिंग एवं गेमीफिकेशन में तकनीक-उन्मुख इनोवेशन्स के माध्यम से सशक्तीकरण एवं मनोरंजन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2018 में ज़ूपी की शुरूआत की। अब ज़ूपी को चौथा साल चल रहा है। लगातार विकसित होते हुए प्रतिस्पर्धी ऑनलाईन गेमिंग एवं गेमीफिकेशन उद्योग में अग्रणी स्थिति पर स्थापित हो चुका है। अपनी व्यापक विकास योजनाओं के तहत कंपनी ने पिछली दो तिमाहियों में 100 से अधिक कर्मचारियों की भर्ती की है। ज़ूपी के संस्थापक एवं सीईओ दिलशेर सिंह माल्ही ने कहा कि उनके लिए इस लिस्ट में आना काफी गर्व की बात है। फोब्र्स उद्यमों के नेतृत्व, उद्यमी, इनोवेशन, डिसरप्शन की क्षमताओं एवं भावी संभावनाओं को पहचानता है। मुझे खुशी है कि मुझ उन लोगों की सूची में शामिल किया गया है जो अर्थपूर्ण इनोवेशन्स के साथ लोगों के जीवन में बदलाव ला रहे हैं।
ज़ूपी के अब तक 10 मिलियन से अधिक यूज़र्स
आईआईटी कानपुर के पूर्वछात्र दिलशेर सिंह माल्ही और सिद्धान्त सौरभ के दिमाग की उपज ज़ूपी के अब तक 10 मिलियन से अधिक यूज़र्स हैं। इसके नाम पर कई गेमिंग प्रोडक्ट्स हैं। प्रमुख ज़ूपी गेम गणित, फिल्मों एवं खेल सहित कई विषयों पर क्विज़ टूर्नामेन्ट का आयोजन करता है, जहां यूज़र्स पुरस्कार एवं सम्मान पाने के लिए कई खिलाडिय़ों क साथ प्रतिस्पर्धा करते हैं। गुरूग्राम, भारत आधारित यह स्टार्ट-अप अब तक मैट्रिक्स पार्टनर्स, वेस्ट कैप ग्रुप, स्माईल ग्रुप, फाल्कन ऐज कैपिटन और ओरिओस वेंचर पार्टनर्स से 20 मिलियन डॉलर की राशि जुटा चुका है।