
मुकेश अंबानी को बड़ा झटका- रिलायंस के खिलाफ कोर्ट जाएगी सरकार
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज और ओएनजीसी के बीच लंबे समय से चल रहा गैस विवाद एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। गैस चोरी मामले में सरकार रिलायंस के खिलाफ फिर अदालत जाने की तैयारी में है। दरअसल ओएनजीसी मध्यस्थता अदालत के फैसले से खुश नहीं है और वो इस फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती देना चाहता है। जिसकी मंजूरी उसको विधि मंत्रालय ने दे दी है।
गैस विवाद में लिया गया फैसला गलत
गैस विवाद पर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता अदालत ने रिलायंस के पक्ष में फैसला सुनाया था। तो वहीं विधि मंत्रालय का मनना है की मध्यस्थता अदालत का बहुमत से लिया गया ये फैसला सही नहीं है। ये फैसला उत्पादन भागीदारी अनुबंध के नियमों और शर्तों का उल्लंघन है। इसमें आवश्यक कारणों की कमी है और यह सार्वजनिक हित के प्रतिकूल है। इतना ही नहीं विधि मंत्रालय का मानना है कि मध्यस्थता अदालत ने अनुबंध के दायित्वों को नजरअंदाज किया है।
ओएनजीसी जाएगा उच्च न्यायालय
इस मामले में विधि मंत्रालय का ये भी कहना है की गैस के एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में जाने की सूचना सरकार को देने की जिम्मेदारी का रिलायंस ने उल्लंघन किया है। इसलिए ओएनजीसी मध्यस्थता अदालत के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दे सकता है। दरअसल ओएनजीसी के गैस क्षेत्र से रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा कथित तौर पर गैस निकाल लिए जाने के मामले में सरकार द्वारा रिलायंस से 1.50 अरब डॉलर की मांग को मध्यस्थता अदालत ने खारिज कर दिया था।
यह है मामला
देश की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी ओएनजीसी ने 2013 में रिलायंस इंडस्ट्रीज पर आरोप लगाया था कि उसने ओएनजीसी के गैस फील्ड के पास अपना गैस प्लांट लगाकर उसके गैस फील्ड से गैस चुराई है। जबकि रिलायंस का कहना था कि उन्होंने गैस ब्लॉक का काम पेट्रोलियम एंड गैस मिनिस्ट्री से अनुमति लेकर किया है। इसी मामले में ओएनजीसी ने रिलायंस से 1.50 अरब डॉलर की मांग की थी। जिसे मध्यस्थता अदालत ने खारिज कर दिया था।
Updated on:
17 Sept 2018 11:48 am
Published on:
17 Sept 2018 11:43 am
बड़ी खबरें
View Allकॉर्पोरेट वर्ल्ड
कारोबार
ट्रेंडिंग
