
नई दिल्ली। केंद्र में जब से नरेंद्र मोदी सरकार आई है, तब से मुकेश अंबानी की संपत्ति में काफी इजाफा हुआ है। तमाम आंकड़े भी इस बात को साफ करते हैं। रिलायंस जियो जो मौजूदा समय में दुनिया की टॉप टेलीकॉम कंपनी चुकी है, वो भी मोदी सरकार में अस्तित्व में आई है। लेकिन इस बार मुकेश अंबानी और उनके परिवार के लिए अच्छी खबर नहीं है। मोदी राज में पहली बार ऐसा हुआ है जब मुकेश अंबानी और उनके परिवार को सरकारी एजेंसी की ओर से बड़ा झटका लगा है। वास्तव में विदेशों में रुपया एवं संपत्ति छुपाने को लेकर मुकेश परिवार के पास इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से नोटिस आया है। आपको बता दें कि चंद्रयान 2 को लांच करने में भारत सरकार के 970 करोड़ रुपए खर्च हुए थे। जबकि मुकेश अंबानी के परिवार से इमकम टैक्स का जुड़ा मामला करीब 4200 करोड़ रुपए का है।
अंबानी परिवार को इनकम टैक्स का नोटिस
आयकर विभाग की मुंबई यूनिट की ओर से देश के सबसे कारोबारी मुकेश अंबानी के फैमिली मेंबर्स को 2015 ब्लैक मनी एक्ट के तहत नोटिस जारी किया है। डिपार्टमेंट की ओर से की गई यह कार्रवाई कई देशों की एजेंसियों से मिली जानकारी के आधार पर की है। डिपार्टमेंट की ओर यह नोटिस कांफिडेंशियली 28 मार्च 2019 को भेजे गए थे। यह नोटिस मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी और उनके तीनों बच्चों ईशा अंबानी, आकाश अंबानी और अनंत अंबानी को भेजे गए हैं। आयकर विभाग के नोटिस के अनुसार मुकेश अंबानी के परिवार पर कथित तौर पर 'विदेश में अघोषित विदेशी आय और संपत्ति' रखने का आरोप है। आपको बता दें कि डिपार्टमेंट ने 2011 में जिनेवा के एचएसबीसी बैंक में खाता रखने वाले करीब 700 भारतीय नागरिकों और कंपनियों की जानकारी मिलने के बाद अपनी जांच शुरू कर दी थी।
14 बैंक खातों से अंबानी परिवार का संबंध
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार फरवरी 2015 में स्विस लीक्स नाम की इंवेस्टीगेशन में एचएसबीसी बैंक में खाताधारकों की संख्या बढ़कर 1195 होने की बात सामने आई थी। वहीं रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कैसे 'टैक्स हेवन' समझे जाने वाले देशों में खुली ऑफशोर कंपनियों का ॥स्क्चष्ट जिनेवा बैंक के 14 खातों से संबंध था। इन सभी कंपनियों का रिलायंस ग्रुप से संबंध होने की भी बात सामने आई थी। इन 14 खातों में 601 मिलियन डॉलर यानी करीब 4300 करोड़ रुपए की रकम जमा थी।
अंबानी सदस्यों का नाम आया सामने
4 फरवरी 2019 की इनकम टैक्स डिपार्टमें की इंवेस्टीगेशन रिपोर्ट और उसके बाद 28 मार्च 2019 को भेजे गए नोटिस से जानकारी के अनुसार इन 14 कंपनियों में से एक कैपिटल इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट के लाभांवितों के तौर पर अंबानी परिवार के सदस्यों के नाम हैं। डिपार्टमेंट के भेजे नोटिस को लेकर पूछे गए सवालों को रिलायंस के प्रवक्ता ने पूरी तरह से नकार दिया है। प्रवक्ता ने इंडियन एक्सप्रेस को जवाब में कहा है कि उन्हें ऐसा कोई नोटिस भी नहीं मिला है। वहीं मीडिया संस्थान की रिपोर्ट के अनुसार सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज और मुंबई यूनिट के अफसरों की लंबी बातचीत के बाद नोटिस भेजे गए। नोटिस सेंट करने के पहले फाइनल क्लियरेंस भी दी गई। नोटिस मुंबई के एडिशनल कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स 3(3) के ऑफिस से सेंट किए गए।
Updated on:
14 Sept 2019 12:57 pm
Published on:
14 Sept 2019 10:01 am
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