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मां ने कुछ कहा ऐसा जिसके बाद इंदिरा नूर्इ एक रिसेपनिस्ट से बन गर्इ पेप्सीको की सीर्इआे

locationनई दिल्लीPublished: Aug 07, 2018 09:44:32 am

Submitted by:

Saurabh Sharma

इंदिरा नूर्इ की मां बचपन में कहती थी कि वो इंदिरा की 18 वर्ष की उम्र में शादी कर देंगी। लेकिन वो सपने देखना ना छोड़ें। उम्र के किसी भी मोड़ पर सपने पूरे किए जा सकते हैं, बशर्ते ईमानदारी और लगन से मेहनत की जाए।

Indira nooyi

अपनी मां की इस बात को मानकर इंदिरा नूर्इ रिसेपनिस्ट से बन गर्इ पेप्सीको की सीर्इआे

नर्इ दिल्ली। आज दुनिया की शीतल पेय पदार्थ बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियों में से एक पेप्सीको की सीर्इआे इंदिरा नूर्इ ने अपने पद से इस्तीफे की घोषणा कर दी। वो पेप्सीको के इतिहास की पहली महिला सीर्इअो थीं। वो करीब 12 साल से इस पद पर हैं। उन्होंने पेप्सीको के इस सफर में कर्इ बड़े बदलाव किए आैर देखें हैं। अब सवाल ये है कि आप इंदिरा को कितना जानते हैं? शायद आपको नहीं पता होगा कि इंदिरा नूर्इ ने अपने करियर का सफर एक रिसेपनिस्ट से शुरू किया था। आइए आपको भी बताते हैं उनके बारे में कुछ खास बातें। जिनको अपनाकर उन्होंने सफलता का ताज पहना…

अपनी मां की बातों पर किया अमल
इंदिरा नूर्इ की मां बचपन में कहती थी कि वो इंदिरा की 18 वर्ष की उम्र में शादी कर देंगी। लेकिन वो सपने देखना ना छोड़ें। उम्र के किसी भी मोड़ पर सपने पूरे किए जा सकते हैं, बशर्ते ईमानदारी और लगन से मेहनत की जाए। इस बात को इंदिरा नूर्इ ने गांठ बांधकर रखा। एक मामूली एक्जीक्यूटिव की पोस्ट से पेप्सीको कंपनी की सीईओ बनीं।

इंदिरा नूर्इ की बचपन की तमन्ना
बचपन में उनकी मां इंदिरा से एक सवाल करती थीं कि तुम संसार को बदलने के लिए क्या करोगी? इंदिरा नूर्इ ने इस सवाल का जवाब देने के लिए एक ऎसी कंपनी से जुड़ने की ठानी जो लोगों की भलाई के लिए काम करती हो ताकि अधिक से अधिक लोगों का हित किया जा सके। इस बात से कोर्इअंजान नहीं कि पेप्सीको कर्इ एेसे कामों को करती है जिससे लोगों की भलार्इ हो सके।

कंपनी में अच्छा माहौल होना जरूरी

इंदिरा नूर्इ का मानना है अच्छे एम्प्लॉई को कंपनी से जोड़ने के लिए कंपनी में अच्छा माहौल होना चाहिए। वहां पर स्टॉफ की तरक्की होनी चाहिए, तभी लोग काम करने के लिए मोटीवेट होते हैं। उनका यह भी मानना था कि हमें कभी भी कठिन यात्रा को नहीं देखना चाहिए बल्कि हमें यात्रा के पूरा होने पर मिलने वाले लक्ष्य और खुशी को देखना चाहिए। इससे कठिनाईयों से पार जाने की ताकत मिलती है।

विदेश में भी भारतीय बने रहना जरूरी
वहीं इंदिरा नूर्इ का यह भी मानना है कि विदेश में सफलता पाने के लिए सबसे जरूरी है कि खुद को वहां के माहौल में ढाला जाए। आप अंदर से भारतीय बने रहे परन्तु दूसरे देश की जरूरतों को भी समझे। यही बात आपको अपने देश के बाहर सफलता दिलाई। उनका यह भी कहना है कि जीवन में हमेशा सही व्यक्ति के लिए काम करना चाहिए, सही कंपनी के लिए काम करना चाहिए। क्योंकि यही आपकी तरक्की के रास्ते खोलता है और आपको आसमान छूने की ताकत देता है।

दक्षिण भारत के इस शहर में हुआ था उनका जन्म
इंदिरा नूई का पूरा नाम इंदिरा कृष्णमूर्ति नूई है। उनका जन्म 28 अक्टूबर 1955 को चेन्नई में हुआ था। उन्होंने 1976 में कोलकाता स्थित इंडियन इंस्टिड्यूट ऑफ मैनेजमेंट से पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा किया और उसके बाद अमेरिकी हेल्थकेयर कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन में नौकरी की। नूई ने 1994 में पेप्सीको को ज्वाइन किया था। इसी कंपनी में 2001 में उन्हें चीफ फाइनेंस आॅफिसर के पद पर प्रमोशन दिया गया। इंदिरा नूई को पेप्सीको का CEO अक्टूबर 2006 में नियुक्त किया गया था। इस पद पर वह लगभग 12 साल से बनी हुई हैं। साल 2015 में नूई को फॉर्चून की लिस्ट में दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिलाओं में दूसरा स्थान दिया था।

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