8 फीसदी होगी बाजार हिस्सेदारी मॉर्गन स्टेनली ने कहा कि घरेलू ईंधन बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ने से ईंधन के दाम सरकार के हस्तक्षेप से अलग हो सकेंगे। नोट में कहा गया है कि यदि रिलायंस-बीपी गठजोड़ लक्ष्य के अनुरूप पेट्रोल पंप खोल लेता है तो 2025 तक उसकी पंप स्टेशनों में बाजार हिस्सेदारी करीब आठ प्रतिशत पर पहुंच जाएगी। इससे पेट्रोलियम विपणन कंपनियों (ओएमसी) की विमानन और वाहन ईंधन दोनों में बाजार हिस्सेदारी प्रभावित होगी।
7000 करोड़ रुपए का भुगतान आरआईएल ने इस साल अगस्त में कहा कि उसके पेट्रोल पंप कारोबार में बीपी 49 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 7,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी। रिलायंस और बीपी के बीच 2011 के बाद ये तीसरा संयुक्त उद्यम समझौता है। बीपी ने सबसे पहले 2011 में रिलायंस के साथ 21 तेल, गैस खोज और उत्पादन ब्लॉक में 7.2 अरब डॉलर में 30 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी। उस समय ही बीपी ने 50 फीसदी हिस्सेदारी वाला संयुक्त उद्यम भी स्थापित किया था, जो इंडिया गैस सॉल्यूशंस नाम से है और इसे भारत में गैस की प्राप्ति और विपणन के लिए बनाया गया है।