
नई दिल्ली। भारत ही नहीं बल्कि एशिया के सबसे अमीर शख्स और रिलायंस इंडस्ट्रीज ( Reliance Industries Limited ) के प्रमुख मुकेश अंबानी ( Mukesh Ambani ) ने लगातार 11वें साल भी अपनी सालाना सैलरी को 15 करोड़ रुपये ही रखा है। साल 2008-09 के बाद से ही मुकेश अंबानी ने अपनी सैलरी को अलाउंस और कमीशन समेत अन्य सुविधाओं को 15 करोड़ रुपये ही रखा है।
मुकेश अंबानी ने इस साल भी अपने सैलरी में कोई बदलाव नहीं किया। 31 मार्च 2019 को खत्म हुई तिमाही में कंपनी के हुई निदेशक सदस्यों की सैलरी में भारी बढ़ोतरी की गई थी। निखिल और हितल मेसवानी ( Nikhil and Hital Meswani ) की सैलरी में भी भारी इजाफा देखने को मिला।
कंपनी की सालाना रिपोर्ट में दी गई जानकारी
हाल ही में जारी किए गये सालाना रिपोर्ट में रिलायंस इंडस्ट्रील लिमिटेड ने कहा, "कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक श्री मुकेश धीरूभाई अंबानी का वेतन 15 करोड़ रुपये रखा गया है। यह प्रबंधकीय स्तर पर दूसरों के लिए उदाहरण पेश करने की उनकी इच्छा को दर्शाता है।"
क्या है मुकेश अंबानी का सैलरी स्ट्रक्चर
वित्त वर्ष 2018-19 में उनका वेतन 4.45 करोड़ रुपये रहा था, जिसमें अलाउंस भी शामिल था। वित्त वर्ष 2017-18 में यह रकम 4.49 करोड़ रुपये रहा था। कमीशन 9.53 करोड़ रुपये, जिसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। जबकि उनके रिटायरमेंट के लिए हर माह की राशि 71 लाख रुपये है। साल 2009 में मुकेश अंबानी ने खुद ही अपनी सैलरी को 15 करोड़ रुपये करने का प्रस्ताव रखा था। यह कदम उन्होंने तब उठाया था जब सीईओ की सैलरी को लेकर काफी बहस देखने को मिल रही है।
चचेर भाईयों की सैलरी में भी इजाफा
मुकेश अंबानी के चचेरे भाई निखिल आर मेसवानी और हितल मेसवानी की सैलरी बढ़कर सालाना 20.57 करोड़ रुपये हो गई है। वित्त वर्ष में 2017-18 में उनकी कुल सैलरी 19.99 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2016-17 में 16.58 करोड़ रुपये रही थी। वित्त वर्ष 2015-16 में निखिल को 14.42 करोड़ रुपये और हितल को 14.41 करोड़ रुपये सैलरी दी गई थी। जबकि, 2014-15 में दोनों की सैलरी 12.03 करोड़ रुपये रही थी। रिलायंस रिफाइनरी के चीफ पवन कुमार कपिल की सैलरी 2017-18 में 4.17 करोड़ रुपये रही। इसके पहले वित्त वर्ष में उन्हें 2.54 करोड़ रुपये ही दिया जाता था।
नीता अंबानी काे कितना मिला?
RIL की नाॅन-एग्जीक्युटिव डायरेक्टर्स में से एक नीता अंबानी की को कमीशन के तौर पर 1.65 करोड़ रुपये मिला। वित्त वर्ष 2017-18 में उनका कुल कमीशन 1.5 करोड़ रुपये और इसके पहले वित्त वर्ष 1.3 करोड़ रुपये रहा था। उन्हें सिटींग फीस के तौर पर 7 लाख रुपये मिला। इसके पहले वित्त वर्ष में उन्हें 6 लाख रुपये ही मिला था। भारतीय स्टेट बैंक ( एसबीआई ) की पूर्व चेयरमैन अरुंधती भट्टाचार्य को केवल 75 लाख रुपये ही कमीशन के तौर पर मिला। उन्होंने 17 अक्टूबर 2018 को ही कंपनी की निदेशक बोर्ड की सदस्य बनी थीं।
Updated on:
20 Jul 2019 02:47 pm
Published on:
20 Jul 2019 02:46 pm
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