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दिवाली पर JIO ग्राहकों को बड़ा झटका, अब कॉलिंग करने पर लगेगा पैसा

locationनई दिल्लीPublished: Oct 10, 2019 07:53:21 am

Submitted by:

manish ranjan

ट्राई ने 2011 से बार-बार यह कहा है कि IUC शुल्क शून्य किया जाना चाहिए
उच्चतम न्यायालय में TRAI का 29,अक्टूबर 2011 का हलफनामा

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नई दिल्ली। दिवाली पर जियो के ग्राहकों को झटका लगा है। दरअसल टर्मिनेशन शुल्क खत्म करने के फैसले पर ट्राई द्वारा पुनर्विचार करने के बाद Jio शुल्क लेने को बाध्य है। जियो नेटवर्क से अन्य ऑपरेटरों के नेटवर्क पर किए गए कॉल पर 6पैसा प्रतिमिनट IUC चार्ज का भुगतान करना होगा । IUC के जीरो होने तक ही टॉप-अप वाउचर के माध्यम से टर्मिनेशन शुल्क लिया जाएगा । हालांकि ग्राहकों को IUC टॉप-अप वाउचर के मूल्य के बराबर का डेटा फ्री में मिलेगा।

क्या होता है IUC चार्ज
इंटरकनेक्ट यूसेज चार्ज या IUC एक मोबाइल टेलिकॉम ऑपरेटर द्वारा दूसरे को भुगतान की जाने वाली रकम है। जब एक टेलीकॉम ऑपरेटर के ग्राहक दूसरे ऑपरेटर के ग्राहकों को आउटगोइंग मोबाइल कॉल करते हैं तब IUC का भुगतान कॉल करने वाले ऑपरेटर को करना पड़ता है। दो अलग-अलग नेटवर्क के बीच ये कॉल मोबाइल ऑफ-नेट कॉल के रूप में जानी जाती हैं। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) द्वारा IUC शुल्क निर्धारित किए जाते हैं और वर्तमान में यह 6 पैसे प्रति मिनट हैं।
1,3,500 करोड़ रुपये का भुगतान

ट्राई के रुख और पहले से ही IUC को शून्य तक कम करने वाले नियमों में किए गए संशोधन के आधार पर, Jio ने अपने ग्राहकों को मुफ्त वॉयस कॉल की सुविधा देने के लिए Airtel और Vodafone-Idea आदि को अपने स्वयं के संसाधनों से IUC का भुगतान जारी रखा। अब तक, पिछले तीन वर्षों में Jio ने अन्य ऑपरेटरों को IUC शुल्क के रूप में लगभग 1,3,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। दुर्भाग्य से, 2017 में उपरोक्त आदेश के बाद, पुराने ऑपरेटरों ने अपने 4 जी ग्राहकों के लिए तो वॉयस टैरिफ कम कर दिया पर उन्होंने अपने 35-40 करोड़ 2 जी ग्राहकों के लिए मंहगे टैरिफ जारी रखे। असल में वॉयस कॉल के लिए टैरिफ बढ़ाकर लगभग रु 1.50 मिनट तक कर दिया गया। वे अपने 2 जी ग्राहकों से डेटा के लिए न्यूनतम 500/जीबी तक का शुल्क वसूल करते हैं।

Jio नेटवर्क पर मुफ्त वॉयस कॉलिंग और 2G नेटवर्क पर अत्यधिक टैरिफ होने की वजह से Airtel और Vodafone-Idea के 35 – 40 करोड़ 2G ग्राहक, Jio ग्राहकों को मिस्ड कॉल देते हैं। Jio नेटवर्क पर रोजाना 25 से 30 करोड़ मिस्ड कॉल प्राप्त होते हैं। अब होता यह है कि जियो नेटवर्क पर मिस्ड कॉल होने से जियो ग्राहक वापस आउटगोइंग कॉलिंग करता है। अन्य नेटवर्क से जियो पर रोजाना होने वाले 25 से 30 करोड़ कॉलिंग (मिस्ड कॉल) से Jio को 65 से 75 करोड़ मिनट इनकमिंग ट्रैफिक मिलना चाहिए था। पर इसके बजाय, Jio ग्राहकों द्वारा किए गए कॉल बैक के परिणामस्वरूप 65 से 75 करोड़ मिनट तक आउटगोइंग ट्रैफ़िक हो जाता है।

अगर मिस्ड कॉल की घटनाओं को निकाल दें तो Jio के लिए ऑफ-नेट वॉयस ट्रैफ़िक सतुंलन ठीक रहेगा। पर अन्य ऑपरेटरों द्वारा अपने 2 जी वॉयस टैरिफ को ऊंचा रखकर असंतुलित बनाया जा रहा है। मोबाइल ट्रैफिक विषमता का हवाला देते हुए हाल ही में ट्राई ने परामर्श पत्र जारी कर IUC पर बंद अध्याय को फिर से खोल दिया है। जिसे IUC रेगुलेशन में संशोधन करके 1 जनवरी 2020 से शून्य बना दिया जाना था। 2017 में IUC रेगुलेशन में संशोधन काफी विचार-विमर्श और परामर्श के बाद किया गया था। इस पृष्ठभूमि में परामर्श पत्र ने अनिश्चितता पैदा कर दी है और Jio को मजबूर कर दिया है कि अपनी अनिच्छा के बावजूद वह सभी ऑफ-नेट मोबाइल वॉयस कॉल के लिए 6 पैसे प्रति मिनट के इस नियामक शुल्क को वसूले खासकर तब तक जब तक IUC शुल्क मौजूद हैं। इसलिए, आज से Jio ग्राहकों द्वारा किए गए सभी रीचार्ज पर, अन्य मोबाइल ऑपरेटरों को किए गए कॉल पर IUC टॉप-अप वाउचर के माध्यम से 6 पैसा प्रति मिनट की मौजूदा IUC दर से चार्ज लिया जाएगा, जब तक कि TRAI जीरो टर्मिनेशन चार्ज व्यवस्था लागू नही करती। वर्तमान में यह तारीख 1 जनवरी 2020 है।

35 करोड़ ग्राहकों पर असर

Jio फिर से अपने 35 करोड़ ग्राहकों को आश्वस्त करता है कि आउटगोइंग ऑफ-नेट मोबाइल कॉल पर 6 पैसा प्रति मिनट का शुल्क केवल तब तक जारी रहेगा जब तक TRAI अपने वर्तमान रेगुलेशन के अनुरूप IUC को समाप्त नहीं कर देता। हम TRAI के साथ सभी डेटा को साझा करेंगे ताकि वह समझ सके कि शून्य IUC उपभोक्ताओं के सर्वोत्तम हित में है। और भारी संख्या में मिस्ड कॉल ने कैसे असंतुलन पैदा किया है। हमें उम्मीद है कि IUC शुल्क वर्तमान रेगुलेशन के अनुसार खत्म हो जाएगा और यह अस्थायी शुल्क 31 दिसंबर 2019 तक पूरी तरह समाप्त हो जाएगा इसके बाद उपभोक्ताओं को इस शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ेगा। इस बीच, उपभोक्ता IUC टॉप-अप वाउचर के बदले अतिरिक्त डेटा एंटाइटेलमेंट का आनंद लेना जारी रख सकते हैं ताकि 31 दिसंबर 2019 तक प्रभावी टैरिफ वृद्धि न हो।

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