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सऊदी अरामको मुकेश अंबानी की रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल बिजनेस में खरीदेगी हिस्सेदारी, 25 फीसदी के डील पर बातचीत जारी

रिलायंस इंडस्ट्रीज की रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल बिजनेस में 25 फीसदी हिस्सेदारी खरीद सकती है सऊदी अरामको। सऊदी प्रिंस मोहम्मब बिन सलमान के दौरे के बाद ही दोनों पक्षों में शुरू हुई थी बातचीत। 12-15 अरब डॉलर का हो सकता है डील।

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Mukesh Ambani

सऊदी अरामको मुकेश अंबानी की रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल बिजनेस में खरीदेगी हिस्सेदारी, 25 फीसदी के डील पर बातचीत जारी

नई दिल्ली। हाल के दिनों में ही खबर आई थी कि सऊदी अरब ( Saudi Arab ) की तेल कंपनी सऊदी अरामको ( Saudi Aramco ) दुनियाभर में सबसे अधिक कमाई करने वाली कंपनी है। अब यही कंपनी एशिया के सबसे बड़े धनकुबेर मुकेश अंबानी ( Mukesh Ambani ) की रिफाइनिंग एंड पेट्रोकेमिकल ( Refining and Petrochemical ) बिजनेस में 25 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने जा रही है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक, रिलायंस इंडस्ट्रीज (Reliance Industries ) की रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल बिजनेस में 25 फीसदी हिस्सेदारी बेचने को लेकर दोनों पक्षों में गहन विमर्श चल रहा है।


क्राउन प्रिंस के भारत दौरे के बाद शुरू हुई बातचीत

सऊदी अरामको दुनिया की सबसे बड़ी तेल निर्यातक कंपनी है और इस कंपनी ने करीब चार महीने पहले से रिलायंस में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है। फरवरी माह सऊदी अरब के क्रांउन प्रिस मोहम्मद बिन सलमान के भारत दौरे के बाद से ही इस अधिग्रहण को लेकर तेजी से बातें चल रही हैं। सऊदी प्रिंस ने इस दौरे पर रिलायंल इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी से भी मुलाकात किया था। बताया जा रहा है जून माह तक इसे लेकर दोनों पक्षों में बात बन सकती है।


12-15 अरब डॉलर की हो सकती है डील

रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल बिजनेस में इस हिस्सेदारी खरीदने के लिए सऊदी अरामको करीब 12-15 अरब डॉलर खर्च कर सकती है। वर्तमान में इस रिलायंस रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल का कुल वैल्युएशन 55-60 अरब डॉलर का है। गत मंगलवार तक रिलायंस इंडस्ट्रीज का कुल मार्केट कैप ( बाजार पूंजीकरण ) 122 अरब डॉलर (करीब 8.5 लाख करोड़ रुपए) के पार जा चुका है।


आरआईएल को फंड जुटाने में मिलेगी मदद

बताया जा रहा है कि इन्वेसटमेंट बैंकिंग कंपनी गोल्डमैन सैश ( Goldman Sachs ) को इस प्रस्तावित डील पर सलाह देने के लिए नियुक्त किया गया है। बीते कुछ सालों में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भारतीय बाजार पर तेजी से पैर फैलाये हैं। इस कंपनी ने एनर्जी और रिटेल से लेकर टेलिकॉम सेक्टर तक में अपनी पकड़ मजबूत की है। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए यह फैसला बेहद सही साबित हो सकता है। इससे कंपनी के फंड जुटाने में मदद तो मिलेगी है, साथ में शेयरहोल्डर्स की वैल्यू भी बढ़ेगी।


रिलायंस इंडस्ट्रीज में किसकी कितनी है शेयरहोल्डिंग





































पार्टीकितनी हिस्सेदारी
प्रोमोटर्स47.2 फीसदी
FPIs24.1 फीसदी
म्यूचुअल फंड4.3 फीसदी
बीमा कंपनियां8.1 फीसदी
रिटेल इन्वेस्टर्स8 फीसदी
HNIs1.2 फीसदी
अन्य7.1 फीसदी

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