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कोर्ट ने यह दिया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने अपने पहले वाले आदेश में कहा था कि टेलीकॉम कंपनियों को 92 हजार करोड़ से ज्यादा रुपए का बकाया और लाइसेंस फीस केंद्र सरकार को चुकानी होगी। टेलीकॉम डिपार्टमेंट की याचिका मंजूर करते हुए कोर्ट ने सभी देनदार कंपनियों तीन महीने का समय दिया था। कोर्ट के अनुसार एजीआर में लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग के साथ अन्य आय भी शामिल की गई हैं। इसमें कैपिटल एसेस्ट की बिक्री पर लाभ और बीमा क्लेम एजीआर का हिस्सा नहीं रखे गए हैं।
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टेलीकॉम कंपनियों का दावा
आपको बता दें कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने भारती एयरटेल, वोडाफोन आईडिया, आरकॉम आदि कंपनियों पर लगभग 1.33 लाख करोड़ रुपए के बकाए का दावा किया है। जिसमें लाइसेंस शुल्क के तौर पर 92000 करोड़, स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क के रूप में 41000 करोड़ शामिल हैं। टेलीकॉम कंपनियों ने इसके लिए 6 महीने का समय मांगा था। सरकार द्वारा टेलीकॉम कंपनियों द्वारा देय लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क की गणना एजीआर यानी समायोजित सकल राजस्व के फीसदी के रूप में की जाती है।