
Tata-Big Basket deal approved, will buy 64 pc shares of company
Tata-BigBasket Deal। देश में जल्द ही ऑनलाइन ग्रॉसरी वॉर छिडऩे की पूरी संभावना है। इसका कारण है इस सेक्टर में एक और मजबूत कंपीटीटर का आ जाना है और वो है टाटा ग्रुप। टाटा ग्रुप को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से ऑनलाइन ग्रॉसरी बिग बास्केट को खरीदने की मंजूरी ( Tata-BigBasket Deal ) मिल गई है। जिसके बाद रिलायंस, अमेजन और टाटा के बीच जमकर घमासान देखने को मिल सकता है। इस खरीदारी से भारतीय कंपनियों से चीन की बड़ी कंपनियों की विदाई का सिलसिला शुरू हो रहा है। बिग बास्केट से अलीबाबा ग्रुप की छुट्टी हो जाएगी। आइए आपको भी बताते हैं इस पूरी डील के बारे में।
टाटा को बिग बास्केट में 64.3 फ़ीसदी हिस्सेदारी खरीदने की मंजूरी
वास्तव में टाटा संस की यूनिट टाटा डिजिटल ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग से बिग बास्केट में 64.3 फ़ीसदी हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति मांगी थी। जो आयोग क ओर से मिल गई है। शेयर खरीदते ही बिग बास्केट पूरी तरह से टाटा ग्रुप की यूनिट हो जाएगी। टाटा ग्रुप ने बिग बास्केट में बहुसंख्य हिस्सेदारी खरीदने के लिए 1.2 अरब डॉलर के एक डील को अंतिम रूप दिया है। इनमें से 20-25 करोड़ डॉलर प्राइमरी कैश इनफ्यूजन के रूप में निवेश किया जा सकता है। इस डील के पूरा हो जाने के बाद बिग बास्केट की योजना साल 2022-23 में शेयर बाजार में लिस्ट कराने की भी है।
चीनी निवेशक की छुट्टी
वहीं दूसरी ओर इस डील के साथ बिग बास्केट से चीनी इंवेस्टर्स को भी बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। बिग बास्केट में चीनी कंपनी अलीबाबा की बड़ी हिस्सेदारी है। इसके अलावा कई अन्य कंपनियों ने शेयर खरीद रखे हैं। अब टाटा ग्रुप अलीबाबा की पूरी 27.58 फ़ीसदी हिस्सेदारी खरीद रही है। टाटा ग्रुप एक्टिव एलएलबी के शेयर भी खरीदेगा, जिनकी बिग बास्केट में 18.05 फ़ीसदी पार्टनरशिप है। वहीं कंपनी के कुछ छोटे निवेशक भी कंपनी से बाहर निकलने का फैसला कर सकते हैं। टाटा ने प्राइमरी और सेकेंडरी शेयर परचेज के माध्यम से बिग बास्केट में हिस्सेदारी खरीदने का फैसला किया है।
इंडियन ग्रॉसरी मार्केट में शुरू होगी असली जंग
इंडियन ग्रॉसरी मार्केट में असली जंग अब शुरू होगी। बिग बास्केट के टाटा ग्रुप के हो जाने के बाद उसका सीधा मुकाबला रिलायंस इंडस्ट्रीज और अमेजन से होगा। जो पहले से ही भारत के ऑनलाइन ग्रॉसरी मार्केट में अपनी जगह बनाने का प्रयास कर रहे हैं। वास्तव में कई प्रमुख समूह भारत के ऑनलाइन ग्रॉसरी मार्केट में करना चाह रहे हैं, जो पिछले साल से तेजी से बढ़ रहा है। रेडसियर की एक रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2021 से इंडियन ग्रॉसरी सेक्टर 850 बिलियन डॉलर का हो चुका है।
Updated on:
30 Apr 2021 09:01 am
Published on:
30 Apr 2021 08:42 am
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