आरोप-पत्र किया था दाखिल
यह कार्रवाई मार्च में केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा यह बैंक के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर रहे आरोपियों और अज्ञान संस्थाओं पर भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम सहित विभिन्न कानूनों के तहत दर्ज किए गए एक मामले के बाद की गई है। नौ मार्च को सीबीआई ने आरोपी के परिसरों की तलाशी ली थी। आठ मई को कपूर की गिरफ्तारी के दो महीने बाद मई की शुरुआत में ईडी ने मुंबई की विशेष अदालत के समक्ष अलग से आरोप-पत्र भी दाखिल किया था।
डीएचएफएल भी दागी
घोटाले में दागी डीएचएफएल के साथ जुड़ी एक फर्म द्वारा कपूर और उनके परिवार द्वारा नियंत्रित एक कंपनी को 600 करोड़ रुपये के भुगतान के आरोपों में ईडी अलग से जांच कर रही है। डीएचएफएल के संस्थापक कपिल वधावन और धीरज वधावन को अप्रैल में इसी मामले में सीबीआई ने एक हिल स्टेशन महाबलेश्वर से गिरफ्तार किया था। जांच शुरू होने के बाद से वे फरार थे।
सीबीआई के आरोप
सीबीआई ने आरोप लगाया कि यस बैंक ने डीएचएफएल में अल्पकालिक डिबेंचर में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश किया, जिसके लिए वधावनों ने कपूर की बेटी के स्वामित्व वाले डूइट अर्बन वेंचर्स को ऋण के रूप में कपूर को 600 करोड़ रुपये का भुगतान किया था। ईडी का आरोप है कि कपूर और उनके परिवार के सदस्यों तथा अन्य लोगों ने बैंक के जरिए बड़े कर्ज देने के लिए रिश्वत ली थी।