नाम्या ने इस गेम की तकनीक का इस्तेमाल कर सबसे पहले अपने स्कूल के ही होमवर्क और कुछ खास विषय तैयार किए। मिस्र की सभ्यता पर बनाया उनका प्रोग्राम इतना आकर्षक और सरल था कि उनके अध्यापकोंं ने पूरी कक्षा को पढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। इतना ही नहीं उन्होंने नाम्या को स्कूल के अन्य 104 छात्रों को पढ़ाने के लिए ऐसे ही दिलचस्प प्रोग्राम बनाने को कहा।
ऐसे मिली प्रेरणा
नाम्या ने बताया कि छठी कक्षा के दौरान उन्होंने देखा कुछ साथी छात्रों को पढऩे और समझने में परेशानी हो रही थी और वे दूसरे बच्चों की तरह तेजी से न सीख पाने के कारण निराश रहने लगे थे। तब मैंने माइनक्रॉफ्ट का पढ़ाई में उपयोग कर चीजों को इनोवेटिव तरीके से समझाने के लिए कुछ विषय तैयार किए। उनके बनाए ये प्रोग्राम छात्रों को आसानी से समझ आने लगे। इससे उन्हें और काम करने की प्रेरणा मिली। नाम्या ने इस गेम की तकनीक का इस्तेमाल कर सबसे पहले अपने स्कूल के ही होमवर्क और कुछ खास विषय तैयार किए।
नाम्या का सफर एक नजर में
-100 से ज्यादा अध्यापकों को सिखा चुकी हैं नाम्या अब तक दुनियाभर में
-माइनक्रॉफ्ट के एज्यूकेशन एडिशन फीचर का इस्तेमाल कर बनाती हैं लैसंस
-#एमएस एज्यूचैैट पर वे छात्रों की एम्बैसेडर भी हैं
-यहां वे अध्यापकों, अआईटटी निदेशकों और तकनीकी विशेषज्ञों से सीखती औैर सिखाती हैं
-वे केईओएस2019-फिनलैंड में आयोजित वैश्विक शैैक्षणिक सम्मेलन में वक्ता के तौर पर शामिल हो चुकी हैं
-2018 में उन्होंने नेशनल माइनक्रॉफ्ट प्रतियोगिता भी जीती है
-वे एसडीजी में भारत की छात्र एम्बैसेडर भी हैं