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डेटा स्टोरेज चूड़ी जो गर्भस्थ शिशु की देखभाल भी करती है

locationजयपुरPublished: Jun 29, 2020 07:38:01 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

शोधकर्मी हना लाइडर ने हिमोग्लोबिन मापने वाले मौजूदा उपकरणों की चुनौतियों पर ध्यान दिया और एक ऐसी डाटा स्टोरेज चूड़ी बनाई जो भारत के ग्रामीण इलाकों में गर्भस्थ शिशु की देखभाल में करने में माओं की मदद कर सके।

ये डेटा स्टोरेज चूड़ी जो गर्भस्थ शिशु की देखभाल भी करती है

ये डेटा स्टोरेज चूड़ी जो गर्भस्थ शिशु की देखभाल भी करती है

भारत में खून की कमी या एनीमिया बहुत बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है। न्यूट्रिशन फाउंडेशन ऑफ़ इंडिया की और से वर्ष 2018 में प्रकाशित एक शोधपत्र के अुनसार देश में हर उम्र के महिला-पुरुष बहुतायत में इसके शिकार हैं। एनीमिया ऐसी स्थिति है जब किसी व्यक्ति के खून में लाल रक्त कोशिकाओं या हिमोग्लोबिन की मात्रा सामान्य से कम हो जाती है। इससे खून की ऑक्सीजन ले जाने की क्षमता भी कम हो जाती है और कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। हिमोग्लोबिन की मात्रा कम हो जाने से व्यक्ति की उत्पादकता कम हो जाती है, बीमारियां हो जाती हैं और कई बार तो मौत भी हो सकती है। समय पर ध्यान देने से एनीमिया से बचा जा सकता है या फिर इसका इलाज कराया जा सकता है। लेकिन इस तरह की देखभाल तभी संभव है जब स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के पास ऐसे उपकरण हों जो सटीक और सक्षम तरीके से जांच कर सकें।
लाइडर ने हिमोग्लोबिन मापने की नयी तकनीक डिज़ाइन की।
वर्ष 2018-2019 में रिसर्चर हना लाइडर तिलोनिया, राजस्थान के बेयरफुट कॉलेज में महिला स्वास्थ्य पहल टीम में शामिल हुईं। उनका उद्देश्य था हिमोग्लोबिन मापन के मौजूदा उपकरणों की बाधाओं को जानना और ऐसी जांच विधि डिज़ाइन करना जो सक्षम होने के साथ ही कम खर्चीली हो और जिसे गांवों के मोबाइल क्लीनिक में इस्तेमाल में लाया जा सके। लाइडर ने हिमोग्लोबिन मापने की नयी तकनीक डिज़ाइन की। लाइडर ने यूनिवर्सिटी ऑफ़ विस्कांसिन-मैडिसन से पढ़ाई की। बायोमेडिकल इंजीनियरिंग में बैचलर डिग्री लेने वाली लाइडर ने भारत के सुदूर गांवों के क्लीनिकों में इस्तेमाल हो रहे हिमोग्लोबिन मापन के तरीकों की तुलनात्मक पड़ताल उनका प्रोजेक्ट बनक लिया।
ये डेटा स्टोरेज चूड़ी जो गर्भस्थ शिशु की देखभाल भी करती है
लाइडर स्वास्थ्य सखी प्रोजेक्ट में काम करते हुए एक चूड़ीुनुमा तकनीक विकसित की है जिसे आसानी से पहना जा सकता है। इसमें स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारियां और चिकित्सा का पिछला विवरण दर्ज हो सकता है। प्रोग्राम का फोकस गर्भ धारण करने से पहले और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की सेहत पर है। उनका कहना है, ‘‘यह आइडिया खुशी बेबी प्लेटफ़ार्म की तरह है जिसमें एक पहने जा सकने वाला हार होता है जिसमें बच्चे के टीकाकरण से जुड़ी सारी जानकारियां होती हैं। इस तकनीक भारत के ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में माँ और उसके गर्भ में पल रहे बच्चे के स्वास्थय सम्बन्धी आंकड़ों का डाटा स्टोर करने में किया जा सकता है जहां बेहतर स्वास्थय व्यवस्थाएं न हों।
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