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बच्चे को मानसिक रोगी बताया, सपोर्ट में पुरुष टीचर्स पहन रहे स्कर्ट

locationजयपुरPublished: Jun 02, 2021 02:34:06 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

बीते साल 27 अक्टूबर में शुरू हुई यह मुहिम अब देशव्यापी आंदोलन बन चुकी है। (बच्चों के चित्र प्रतीकात्मक)

बच्चे के सपोर्ट में पुरुष टीचर्स पहन रहे स्कर्ट

बच्चे के सपोर्ट में पुरुष टीचर्स पहन रहे स्कर्ट

स्पेन के बिलबाओ शहर में मिकेल गोमेज नाम के छोटे बच्चे के स्कर्ट पहनकर आने पर प्रबंधन ने उसे मानसिक रूप से बीमार बताकर स्कूल से निकाल दिया। इससे खफा कई टीचर अब कक्षाओं में स्कर्ट पहनकर आने लगे हैं। इतना ही नहीं, बीते साल 27 अक्टूबर में शुरू हुई यह मुहिम अब देशव्यापी आंदोलन बन चुकी है। उस बच्चे के सपोर्ट में शुरू हुए इस आंदोलन का नाम है ‘कपड़ों का कोई जेंडर नहीं’। जेंडर से जुड़ी रूढि़वादी सोच के खिलाफ ज्यादा से ज्यादा लोग मुहिम से जुड़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि इसके जरिए सहिष्णुता बढ़ाना चाहते हैं।
बच्चे के सपोर्ट में पुरुष टीचर्स पहन रहे स्कर्ट

क्या है पूरा मामला
स्पेन में एक छात्र के स्कर्ट पहनने के बाद उसे स्कूल से निकाल दिया गया था। इसके बाद से ही इस देश में इस हरकत को लेकर लोग स्कूल प्रबंधन और रूढ़िवाद सोच के प्रति मुखर हैं। इस मामले ने तूल पकड़ा की अब यह एक आंदोलन बन चुका है। इस आंदोलन लोगों ने ‘Clothes Have No Gender’ का नाम दिया है। इतना ही नहीं उस बच्चे के समर्थन में स्पेन में बहुत से स्कूलों के पुरुष शिक्षक भी अब क्लास में स्कर्ट पहनकर आने लगे हैं। हाल ही में 37 साल के टीचर मैन्युएल ओर्टेगा और 36 साल के टीचर बोर्जा वेलाजक्वेज ने भी इस मूवमेंट को जॉइन किया है। दरअसल, मैन्युएल और बोर्जा के स्कूल में भी एक छात्र के टी-शर्ट पहनने पर उसे बुली किया गया था। रूढ़िवादी gender मानदंडों से लड़ने के लिए ये शिक्षक क्लास में में स्कर्ट पहन रहे हैं।

बच्चे के सपोर्ट में पुरुष टीचर्स पहन रहे स्कर्ट

छोटे बच्चे- किसी को मानसिक रोगी तो किसी को समलैंगिक कहा
गौरतलब है कि ओर्टेगा और बोर्जा वैलेडोलिड के एक स्कूल में पढ़ाते हैं। उनके स्कूल में एक छात्र की टीशर्ट को देखने के बाद उसे समलैंगिक कहकर मजाक बनाया गया और उसे इतना शर्मिंदा किया गया कि वो रूआंसा होकर अपनी टीशर्ट उतारने पर मजबूर हो गया। इस घटना के चलते ओर्टेगा काफी शॉक में थे महसूस कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने अपने सह-कर्मचारी बोर्जा के साथ मिलकर इस मामले में कुछ करने की ठानी। यही कारण है कि बोर्जा और ओर्टेगा पिछले एक महीने से अपने स्कूल में स्कर्ट पहनकर ही आ रहे हैं। ओर्टेजा ने कहा कि उनका स्कर्ट पहनकर सोशल मीडिया पर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने या वायरल होने का मन नहीं है।

बच्चे के सपोर्ट में पुरुष टीचर्स पहन रहे स्कर्ट

समाज में सहिष्णुणता बढ़ाने को पहन रहे स्कर्ट
उन्होंने कहा कि इस कदम के सहारे हम समाज में सहिष्णुता को बढ़ाना चाहते है और बाकी लोगों से भी इस अभियान में जुड़ने की अपील करते हैं। गौरतलब है कि ये मूवमेंट पिछले साल 27 अक्तूबर को शुरु हुआ था जब स्पेन के बिलबाओ शहर में मिकेल गोमेज नाम के एक स्टूडेंट को स्कूल में स्कर्ट पहनने पर बर्खास्त कर दिया गया था और कहा गया था कि मिकेल की मानसिक स्थिति अच्छी नहीं है और उसे साइकोलॉजिस्ट्स की जरूरत है। वही गोमेज ने इसके बाद एक वीडियो बनाया था और उसने कहा था कि वो स्कर्ट पहनने के साथ ही फेमिनिज्म और अनेकता को सपोर्ट दिखाना चाहता था। मिकेल का ये वीडियो वायरल हो गया और इसके बाद से ही कई शिक्षक और स्टूडेंट्स स्कूल में स्कर्ट्स पहनकर स्कूल आ रहे हैं।

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