यह प्लेबुक संक्रमित रोगी को घर पर देखभाल करने की सलाह देती है, जिसे समुदाय आसानी से उन लोगों की सहायता के लिए अपना सकते हैं जो घर पर ठीक होने में सक्षम हैं। बता दें, कि यह प्लेबुक मई 2021 में करनाल, हरियाणा, भारत में शुरू की गई एक वर्चुअल होम केयर पहल, नीति आयोग, “संजीवनी परियोजना” से प्राप्त सीखों के साथ-साथ महामारी से निजात पाने के लिए दक्षिण अफ्रीका में डेलॉइट के अनुभव पर आधारित है।
वर्तमान में दूसरी लहर के चरम पर है, और इस दौरान हरियाणा सरकार और डेलॉइट की पहल ने करनाल के लोगों को घर पर स्वास्थ्य सेवा तक जल्दी पहुंचने में मदद की है। जिससे मृत्यु दर में 50 प्रतिशत की कमी आई। इसके साथ ही 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का इलाज घर पर या आइसोलेशन केंद्र पर किया गया। भारत में इसकी सफलता के बाद, इस “संजीवनी परियोजना” पहल को दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में भी अपनाया गया।
डेलॉइट के वैश्विक सीईओ पुनीत रेनजेन ने कहा, “डेलॉयट प्लेबुक घर पर लोगों के लिए जरूरी स्वास्थ्य सेवा लाने में मदद करती है, जिससे ‘मेडिकल वार्ड का विस्तार होता है।’ यह पूरी तरह से लागू होने पर ग्रामीण, वंचित समुदायों तक पहुंचने के लिए बहुत आवश्यक चिकित्सा देखभाल और संसाधन लाता है।” उन्होंने आगे कहा, कि मुझे विश्वास है कि मॉडल को व्यापक रूप से अपनाने से कम लागत पर दीर्घकालिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का समाधान होगा और यह भारत और दुनिया के लिए पूर्णरूप से सत्य है।”