scriptOmicron से संक्रमित रोगी की अब घर पर ही हो सकती है देखभाल, Deloitte ने अपनी प्लेबुक में बताए तरीके | Deloitte makes available playbook to help Covid and omicron patients | Patrika News

Omicron से संक्रमित रोगी की अब घर पर ही हो सकती है देखभाल, Deloitte ने अपनी प्लेबुक में बताए तरीके

locationनई दिल्लीPublished: Jan 06, 2022 08:19:54 pm

Submitted by:

Bhavana Chaudhary

वर्तमान में दूसरी लहर के चरम पर है, और इस दौरान हरियाणा सरकार और डेलॉइट की पहल ने करनाल के लोगों को घर पर स्वास्थ्य सेवा तक जल्दी पहुंचने में मदद की है।

omicron-amp.jpg

यह प्लेबुक संक्रमित रोगी को घर पर देखभाल करने की सलाह देती है।


भारत में ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों से निपटने में मदद करने के लिए डेलॉइट एक प्लेबुक उपलब्ध करा रही है। इस प्लेबुक में लिखे प्रोटोकॉल सरकारों को कोविड-19 (SARS-CoV-2) मामलों में वृद्धि को संबोधित करने के लिए आवश्यक स्वास्थ्य देखभाल सहायता और संसाधनों को शीघ्रता से बढ़ाने में सक्षम कर सकते हैं। डेलॉयट ने गुरुवार को कहा कि वह देश भर के जिला प्रशासनों को कोरोनावायरस के ओमाइक्रोन वर्जन के बढ़ते खतरे से निपटने में मदद करने के लिए यह प्लेबुक उपलब्ध करा रही है।

यह प्लेबुक संक्रमित रोगी को घर पर देखभाल करने की सलाह देती है, जिसे समुदाय आसानी से उन लोगों की सहायता के लिए अपना सकते हैं जो घर पर ठीक होने में सक्षम हैं। बता दें, कि यह प्लेबुक मई 2021 में करनाल, हरियाणा, भारत में शुरू की गई एक वर्चुअल होम केयर पहल, नीति आयोग, “संजीवनी परियोजना” से प्राप्त सीखों के साथ-साथ महामारी से निजात पाने के लिए दक्षिण अफ्रीका में डेलॉइट के अनुभव पर आधारित है।

वर्तमान में दूसरी लहर के चरम पर है, और इस दौरान हरियाणा सरकार और डेलॉइट की पहल ने करनाल के लोगों को घर पर स्वास्थ्य सेवा तक जल्दी पहुंचने में मदद की है। जिससे मृत्यु दर में 50 प्रतिशत की कमी आई। इसके साथ ही 90 प्रतिशत से अधिक रोगियों का इलाज घर पर या आइसोलेशन केंद्र पर किया गया। भारत में इसकी सफलता के बाद, इस “संजीवनी परियोजना” पहल को दक्षिण अफ्रीका और दक्षिण पूर्व एशिया में भी अपनाया गया।

डेलॉइट के वैश्विक सीईओ पुनीत रेनजेन ने कहा, “डेलॉयट प्लेबुक घर पर लोगों के लिए जरूरी स्वास्थ्य सेवा लाने में मदद करती है, जिससे ‘मेडिकल वार्ड का विस्तार होता है।’ यह पूरी तरह से लागू होने पर ग्रामीण, वंचित समुदायों तक पहुंचने के लिए बहुत आवश्यक चिकित्सा देखभाल और संसाधन लाता है।” उन्होंने आगे कहा, कि मुझे विश्वास है कि मॉडल को व्यापक रूप से अपनाने से कम लागत पर दीर्घकालिक स्वास्थ्य संबंधी चुनौतियों का समाधान होगा और यह भारत और दुनिया के लिए पूर्णरूप से सत्य है।”

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो