15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

300 ड्रोन की मदद से बन रहे देश का डिजिटल नक्शा

-दो वर्ष में पूरा होगा काम, सटीक जानकारी देने के साथ ही रेल, सडक़ और अन्य परियोजनाओं में रहेगा उपयोगी (digital map of india)

2 min read
Google source verification
300 ड्रोन की मदद से तैयार हो रहा देश का डिजिटल नक्शा

300 ड्रोन की मदद से तैयार हो रहा देश का डिजिटल नक्शा

भारत सरकार, सर्वे ऑफ इंडिया (SOI) की मदद से ऐसा मुकम्मल मानचित्र (MAP) बना रही है। जिसमें सूक्ष्म, सटीक और विश्वसनीय जानकारी जुटाने के लिए करीब 300 ड्रोन्स (300 drones) की मदद ली जा रही है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के प्रोफेसर आशुतोष शर्मा के मुताबिक सर्वेक्षण में सबसे पहले गंगा नदी के बेसिन का सर्वेक्षण किया गया है, जिसे 10 सेंटीमीटर तक की सटीकता से मैप किया जा रहा है। हवाई फुटेज को कैप्चर करने के लिए 300 ड्रोन का बेड़ा तैयार किया जा रहा है, जिसे अन्य डेटा स्रोत से जोड़ा जाएगा और फिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) की मदद से इसे विस्तृत नक्शे में तब्दील किया जाएगा।

प्रोफेसर शर्मा का कहना है कि आज भी सटीकता के साथ डिजिटल मैप नहीं है, लेकिन अब ये नक्शा हर क्षेत्र में काम आएगा। भले ही वह रेल पटरी बिछाने के लिए हो, सडक़, अस्पताल या किसी अन्य विकास परियोजना के लिए। ये मैप गूगल मैप से भी ज्यादा सटीक होगा। गौरतलब है कि मौजूदा मानचित्र ब्रिटिश सर्वेयर कर्नल जॉर्ज एवरेस्ट ने मई 1830 को बनाया था।

उपयोगी जानकारी मिलेगी
डिजिटल मैप आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सहायता समूहों को महत्वपूर्ण जानकारी मुहैया करवा सकते हैं। वनों की आग से निपटने और संरक्षण के अलावा अवैध खनन रोकने में भी मदद कर सकते हैं। बाढ़ का पूर्वानुमान और उसने बचाव के उपाय किए जा सकते हैं।

1:500 का पैमाना
नए नक्शे का पैमाना 1:500 होगा। इसका अर्थ है कि नक्शे पर पांच मीटर जमीन को एक सेंटीमीटर से दर्शाया जाएगा। इस नक्शे में दूरस्थ शहरों और गांवों की भूस्वामित्व संबंधी सटीक जानकारी स्थानीय अधिकारियों को दी जाएगी। अब से वर्ष 2021 के बीच यह परियोजना कई स्रोतों से डेटा जुटाकर देश के 75 फीसदी हिस्से की मैपिंग करेगी। शुरुआत में आबादी वाले क्षेत्रों को फोकस किया जाएगा। जबकि जंगल, रेगिस्तान आदि को इस चरण में शामिल नहीं किया जाएगा।

फैक्ट फाइल
-2021 तक कई स्रोतों से डेटा जुटाकर 75 फीसदी हिस्से की मैपिंग हो जाएगी। पहले चरण में आबादी पर फोकस होगा।
-25000 ग्राउंड कंट्रोल प्वाइंट्स बनाए गए हैं देशभर में। जहां से डेटा जुटाकर ३डी मैप बनेगा।