AI: दरअसल, मौसम पूर्वानुमानकर्ता मौसमी जानकारी देने के लिए कई मॉडलों की मदद लेते हैं। माना जा रहा है कि इसमें अब एआइ की मदद से कम खर्च में अधिक सटीक पूर्वानुमान शीघ्रता से लगाया जा सकता है।
Artificial intelligence: माइक्रोसॉफ्ट ने मौसम के पूर्वानुमान के लिए एक AI आधारित मॉडल ‘ऑरोरा’ विकसित किया है, जो वायु प्रदूषण, मौसम पैटर्न और जलवायु-प्रभावित उष्णकटिबंधीय(पृथ्वी की भूमध्य रेखा के सबसे निकट स्थित है) तूफानों पर नजर रखने में वर्तमान पूर्वानुमान मॉडलों से कहीं आगे है। नेचर मैग्जीन के अनुसार, माइक्रोसॉफ्ट का एआइ मौसम मॉडल ‘ऑरोरा’ कई कारणों से विशिष्ट है। दरअसल, यह यूरोप के सबसे बड़े मौसम केंद्रों में से एक में इसको पहले से ही उपयोग में लिया जा रहा है, जहां इसे अन्य पारंपरिक और AI -आधारित मॉडलों के साथ-साथ उपयोग में लिया जा रहा है। यह पाया गया है कि ‘ऑरोरा’ अन्य मॉडलों की तुलना में छोटे पैमाने पर भी 10-दिवसीय सटीक पूर्वानुमान तेजी से लगा सकता है। अर्थात यह गांव के स्तर पर भी मौसम र्पू्वानुमान दे सकेगा। जिसका लाभ किसानों को मिलेगा। अध्ययन के अनुसार, ‘ऑरोरा’ मॉडल पारंपरिक पूर्वानुमान की तुलना में अधिक सटीकता, तेजी और कम लागत पर तूफान के मार्ग (ट्रेजेक्टरी) की भविष्यवाणी कर सकते हैं।
दरअसल, मौसम पूर्वानुमानकर्ता मौसमी जानकारी देने के लिए कई मॉडलों की मदद लेते हैं। माना जा रहा है कि इसमें अब एआइ की मदद से कम खर्च में अधिक सटीक पूर्वानुमान शीघ्रता से लगाया जा सकता है। जिन अनुमानों को लगाने में
में परंपरागत मॉडल से घंटों का समय लगता था, वही पूर्वानुमान अब सेकंडों में लग सकेंगे। oogle, Nvidia और Huawei जैसी कंपनियों ने भी AI -आधारित पूर्वानुमान मॉडल बनाए हैं।
गौर करने की बात है कि ऑरोरा को न केवल मौसम, बल्कि ऐतिहासिक रूप से उपलब्ध डेटा वाले किसी भी ’अर्थ सिस्टम’ को संभालने के लिए बनाया गया है। इसका मतलब है कि उष्णकटिबंधीय चक्रवातों जैसी मौसम संबंधी घटनाओं के अलावा, वायु प्रदूषण और लहरों की ऊंचाई जैसे पूर्वानुमान भी हो सकेंगे। पेरिस पेर्डिकारिस, जो पेन्सिल्वेनिया विश्वविद्यालय से संबंध रखते हैं, उन्होंने कहा कि पहली बार, एक एआइ प्रणाली ने तूफान के पूर्वानुमान में सभी मौसम केंद्रों से बेहतर प्रदर्शन किया है। मेरा मानना है कि हम ‘वायु प्रणाली विज्ञान’ में ट्रां सफोर्मेशन युग की दहलीज पर हैं।