
Eric Schmidt AI Warning (Image: Freepik)
Eric Schmidt AI warning: क्या 55 साल का तजुर्बा चंद पलों में बेकार हो सकता है? गूगल के पूर्व सीईओ एरिक श्मिट के साथ हाल ही में शायद कुछ ऐसा ही हुआ है। सिलिकॉन वैली के इस दिग्गज ने जब अपनी आंखों के सामने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को एक पूरा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम लिखते देखा, तो उनके मुंह से बस यही निकला, "हे भगवान! मेरा काम तो खत्म (Holy crap. The end of me)."
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के एक कार्यक्रम में श्मिट का यह बयान सिर्फ हैरानी नहीं, बल्कि आने वाले उस भविष्य की आहट है जो हमारी नौकरियों और कंपनियों के काम करने के तरीके को हमेशा के लिए बदलने वाला है।
हम अक्सर सुनते हैं कि, AI प्रोग्रामर्स की नौकरी खा जाएगा। श्मिट ने भी माना कि OpenAI और Anthropic जैसी बड़ी रिसर्च लैब्स में आज 10 से 20 प्रतिशत कोडिंग AI खुद कर रहा है, लेकिन श्मिट की असली चेतावनी कुछ और है।
उन्होंने साफ कहा कि हम AI के खतरे को अभी भी कम आंक रहे हैं। कोडिंग तो बस इसका एक छोटा सा हिस्सा है। श्मिट के मुताबिक, असली भूचाल तो कंपनियों के बिजनेस ऑपरेशन्स में आने वाला है।
जरा सोचिए, एक बड़ी कंपनी में बिलिंग, अकाउंटिंग, प्रोडक्ट की डिलीवरी, इन्वेंट्री मैनेजमेंट और डिजाइन पर अरबों रुपये खर्च होते हैं। श्मिट का कहना है कि AI अब इन बोरिंग लेकिन जरूरी कामों को पूरी तरह अपने हाथ में लेने वाला है। यह सिर्फ मदद नहीं करेगा, बल्कि इंसानों को रिप्लेस कर देगा। वॉल स्ट्रीट और शेयर बाजार के दिग्गज अभी इस बदलाव की गहराई को नहीं समझ पा रहे हैं।
एरिक श्मिट ने भविष्य को लेकर एक डराने वाली डेडलाइन भी दी है। उनका मानना है कि अगले 3 से 5 सालों में (यानी 2029 तक) दुनिया में आर्टिफिशियल जनरल इंटेलिजेंस (AGI) आ जाएगा।
इसका मतलब है ऐसा कंप्यूटर दिमाग, जो दुनिया के सबसे बेहतरीन गणितज्ञों और वैज्ञानिकों की बराबरी कर सकेगा। श्मिट ने इसे रिकर्सिव सेल्फ-इंप्रूवमेंट का नाम दिया है। आसान भाषा में कहें तो कंप्यूटर अब खुद अपनी कमियों को सुधारना सीख रहे हैं। वे खुद योजनाएं बना रहे हैं और अब उन्हें सीखने के लिए इंसानों के निर्देशों की जरूरत नहीं रह गई है।
इतनी तेजी से बदलती तकनीक के बीच, श्मिट ने इंसानियत को लेकर एक गंभीर चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि जब मशीनें इतनी ताकतवर हो जाएंगी, तो किसी न किसी को तो हिम्मत करके कहना होगा - "बस, हम बहुत आगे निकल गए हैं।"
उनका इशारा साफ है कि हमें ह्यूमन एजेंसी यानी इंसानी नियंत्रण को बचाए रखना होगा। अगर मशीनें पूरी तरह आजाद हो गईं तो परिणाम खतरनाक हो सकते हैं।
एरिक श्मिट का यह बयान हमें सोचने पर मजबूर करता है, क्या हम उस बदलाव के लिए तैयार हैं जो हमारे काम करने के तरीके को जड़ से उखाड़ फेंकने वाला है?
Updated on:
14 Dec 2025 04:42 pm
Published on:
14 Dec 2025 04:41 pm
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