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Google Translate New Feature: न टाइपिंग की झंझट, न महंगा गैजेट… बस कान में हेडफोन लगाएं और समझें दुनिया की कोई भी भाषा

Google Translate New Feature: अब कोई भी हेडफोन बन जाएगा रियल-टाइम ट्रांसलेटर! Google ने Gemini AI की मदद से लॉन्च किया कमाल का फीचर। भारत में रोल-आउट शुरू, यहां जानें डिटेल्स।

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भारत

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Rahul Yadav

Dec 14, 2025

Google Translate New Feature

Google Translate New Feature (Image: Gemini)

Google Translate New Feature: क्या आपने कभी सोचा है कि काश आपके पास कोई ऐसा गैजेट होता, जिसे कान में लगाते ही सामने वाले की विदेशी भाषा आपको अपनी हिंदी या अंग्रेजी में सुनाई देने लगती? सुनने में यह किसी साइंस-फिक्शन फिल्म का सीन लगता है लेकिन गूगल ने अब इसे हकीकत बना दिया है।

गूगल ने अपने गूगल ट्रांसलेट ऐप में एक बहुत बड़ा अपडेट किया है। अब आपको भाषा समझने के लिए किसी से पूछने या टाइप करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस अपने कान में हेडफोन लगाइए और दुनिया की बातें अपनी भाषा में सुनिए। इसके लिए आपको महंगा डिवाइस खरीदने की जरूरत नहीं है, नार्मल हेडफोन ही काफी है।

कोई भी नार्मल हेडफोन से हो जाएगा काम

इस खबर की सबसे अच्छी बात यही है। पहले ऐसे फीचर्स के लिए गूगल के महंगे पिक्सेल बड्स की जरूरत पड़ती थी। लेकिन अब गूगल ने दिल खोलकर यह फीचर सबके लिए दे दिया है।

आपके पास चाहे 100 रुपये वाले तार वाले ईयरफोन हों या हजारों रुपये वाले महंगे ब्लूटूथ हेडफोन यह फीचर हर किसी पर काम करेगा। बस आपके पास एक एंड्रॉयड फोन और गूगल ट्रांसलेट ऐप होना चाहिए। यह आपके सादे हेडफोन को एक रियल-टाइम ट्रांसलेशन डिवाइस में बदल देगा।

कैसे काम करेगा Google Translate New Feature?

इस फीचर का इस्तेमाल करना बहुत आसान है। मान लीजिए आप विदेश में हैं या कोई इंग्लिश/फ्रेंच मूवी देख रहे हैं।

  • अपना हेडफोन फोन से कनेक्ट करें।
  • गूगल ट्रांसलेट ऐप खोलें।
  • वहां Live Translate का बटन दबाएं।

अब सामने वाला जो भी बोलेगा, आपके हेडफोन में उसका अनुवाद तुरंत सुनाई देगा। फिलहाल यह फीचर 70 से ज्यादा भाषाओं को सपोर्ट करता है।

आपकी नेचुरल लैंग्वेज में समझाएगा Gemini

अक्सर मशीनी ट्रांसलेशन में मुहावरे या हंसी-मजाक के अर्थ का अनर्थ हो जाता है। इसे ठीक करने के लिए गूगल ने इसमें अपने सबसे पावरफुल AI Gemini का इस्तेमाल किया है।

इसका फायदा यह होगा कि अगर कोई मुहावरे बोल रहा है या स्थानीय भाषा के स्लैंग इस्तेमाल कर रहा है तो AI उसे समझकर आपको सही मतलब समझाएगा। यानी बातचीत अब एकदम नेचुरल लगेगी।

भारत में रोल-आउट होने लगा ये फीचर

खुशी की खबर यह है कि गूगल ने इस बीटा वर्जन को जिन तीन देशों में सबसे पहले शुरू किया है उनमें अमेरिका और मैक्सिको के साथ भारत भी शामिल है। यानी भारतीय यूजर्स अभी से इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

हालांकि, आईफोन (iOS) यूजर्स को थोड़ा दिल छोटा करना पड़ सकता है। कंपनी ने कहा है कि आईफोन और बाकी देशों के लिए यह सुविधा 2026 तक आएगी।

इसके साथ ही, अगर आप कोई नई भाषा सीख रहे हैं तो गूगल अब आपको यह भी बताएगा कि आपका उच्चारण (Pronunciation) सही है या नहीं। अगर आपने ट्राई नहीं किया है तो देर किस बात की अभी जाकर इसका फायदा उठाएं।