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सीवरेज प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार की होगी जांच, शासन ने बनाई 5 सदस्यीय कमेटी

सीवरेज के कार्य में लगातार भ्रष्टाचार व गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं। प्रोजेक्ट का काम 8 वर्षों में पूरा नहीं हो सका है

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Kajal Kiran Kashyap

Apr 07, 2016

Sewerage project

Sewerage project

बिलासपुर.
सीवरेज के कार्य में लगातार भ्रष्टाचार व गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं। प्रोजेक्ट का काम 8 वर्षों में पूरा नहीं हो सका है। इसकी लागत भी लगातार बढ़ती जा रही है। हाल में ही निगम की ओर से अतिरिक्त राशि की मांग की गई थी, जिस पर शासन के वित्त विभाग ने आपत्ति जता दी। इसके साथ ही शासन ने सीवरेज में हुई गड़बड़ी की जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। यह आदेश मिलते ही यहां नगर निगम में हड़कंप मच गया है। जांच कमेटी में नगरीय प्रशासन विभाग के दो व राज्य शहरी विकास अभिकरण के तीन अधिकारियों को शामिल किया गया है। स्थानीय स्तर के अधिकारियों को इससे दूर रखा गया है।


शहर में विगत 8 वर्षों से अंडर ग्राउंड सीवरेज प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। इस दौरान कई हादसे हुए। सड़कों की खुदाई, गड्ढे, धूल-धक्कड़ और बारिश में कीचड़ से नागरिक तब से लेकर आज तक हलाकान हो रहे हैं। परियोजना की लागत भी लगातार बढ़ती जा रही है। वर्ष 2015 तक इस काम में 310.25 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके। अब यह परियोजना 422 करोड़ 94 लाख रुपए तक पहुंच गई है। इसके अलावा सड़कों का निर्माण, डिवाइडर निर्माण, बार-बार डामरीकरण व कंक्रीटीकरण पर करोड़ों रुपए के खर्च अलग। लेकिन सीवरेज का काम आज तक पूरा नहीं हो सका है। काम कब तक पूरा होगा, अधिकारी भी यह बता पाने की स्थिति में नहीं है। हालत यह हो गई है कि इस परियोजना के सक्सेस होने पर भी संदेह जाहिर किया जाने लगा है। इन सबके पीछे अफसरों की लापरवाही और भ्रष्टाचार को कारण माना जा रहा है। पहली बार शासन ने इस पर नजरें टेढ़ी की हैं। परियोजना में हुई गड़बडिय़ों की जांच के आदेश दिए गए हैं।


स्थानीय अधिकारियों को नहीं किया शामिल

सारा कारनामा और खेल निगम के स्थानीय अधिकारियों का ही रहा है। यही वजह है कि शासन ने यहां के एक भी अधिकारी को जांच टीम में शामिल नहीं किया है। सभी अधिकारी रायपुर मंत्रालय के हैं।


गंभीरता से जांच हुई तो नपेंगे अधिकारी

माना जा रहा है कि यदि गंभीरता से गड़बड़ी की जांच हुई तो स्थानीय स्तर पर कई अधिकारियों की पोल खुल सकती है।

वित्त मंत्रालय ने लौटा दिया खाली हाथ: नगर निगम के कार्यपालन यंत्री मनोरंजन सरकार व सब इंजीनियर सुरेश बरुआ 1 अपै्रल को सीवरेज की अतिरिक्त राशि (112.69 करोड़ रुपए) की स्वीकृति लेने के लिए रायपुर पहुंचे थे। वहां वित्त मंत्रालय ने उन्हें सीवरेज की गड़बडिय़ां बताते हुए राशि देने से मना कर दिया था।शासन उन पर कड़ी कार्रवाई भी कर सकता है। इस आशंका को लेकर निगम में खासा हड़कंप मचा हुआ है। स्थानीय अधिकारी सकते में हैं।