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भारत में बढ़ गए ऑनलाइन हेट स्पीच, धोखाधड़ी और भेदभाव के मामले, स्टडी में हुआ चौंकाने वाला खुलासा

भारत में ऑनलाइन यूजर्स के लिए हेट स्पीच वर्ष 2016 से दोगुना बढ़कर वर्ष 2020 में 26 प्रतिशत हो गए। भारत का प्रदर्शन एशिया-प्रशांत क्षेत्र (एपीएसी) की तुलना में संतोषप्रद नहीं है।

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Microsoft द्वारा की गई एक स्टडी में यह बात सामने आई है कि वर्ष 2020 में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में ऑनलाइन यूजर्स के लिए शालीन शब्दों के इस्तेमाल में सुधार के बावजूद भारत में पिछले तीन-चार वर्षों में हेट स्पीच, घोटाले, धोखाधड़ी और भेदभाव में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
भारत में ऑनलाइन यूजर्स के लिए हेट स्पीच वर्ष 2016 से दोगुना बढ़कर वर्ष 2020 में 26 प्रतिशत हो गए। वर्ष 2017 से अफवाह, घोटाले और धोखाधड़ी में 5 प्रतिशत की वृद्धि होकर 22 प्रतिशत तक पहुंच गई। वर्ष 2016 से भेदभाव में 6 प्रतिशत की वृद्धि होकर 16 प्रतिशत हो गई।

भारत का प्रदर्शन संतोषप्रद नहीं
माइक्रासॉफ्ट के मीट्रिक परिणामों से पता चला कि ऑनलाइन शालीन शब्दों के इस्तेमाल में भारत का अंक 2019 में 71 के मुकाबले 2020 में 68 हो गया था। यह दर्शाता है कि कम लोग नकारात्मक ऑनलाइन इंटरेक्शन कर रहे हैं या ऑनलाइन जोखिमों का सामना कर रहे हैं। बहरहाल, भारत का प्रदर्शन एशिया-प्रशांत क्षेत्र (एपीएसी) की तुलना में संतोषप्रद नहीं है।

डिजिटल तकनीकों पर भरोसा
माइक्रोसॉफ्ट इंडिया के ग्रुप हेड व जनरल काउंसिल केशव धाकड़ ने कहा कि हमारा समाज पहले से कहीं ज्यादा डिजिटल तकनीकों पर भरोसा कर रहा है और सुरक्षित इंटरनेट से अनुभव बेहतर होंगे और समुदायों की भलाई का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

किशोर ला सकते हैं महत्वपूर्ण सुधार
धाकड़ ने एक बयान में कहा कि 9 फरवरी को सुरक्षित इंटरनेट दिवस पर हमें याद दिलाया जाता है कि काम व खेल के लिए इंटरनेट को सुरक्षित बनाने में मदद करने के लिए सरकारों, संगठनों और व्यक्तियों की बड़ी भूमिका है। स्टडी के मुताबिक, भारत में 13-16 वर्ष की आयुवर्ग के किशोर भी इसमें महत्वूपर्ण सुधार ला सकते हैं।