2021- एप्पल की कार या गूगल की ड्राइवरलैस कार किसका होगा सबसे ज़्यादा इंतज़ार
नए साल में ऑटोमोबाइल और टेक्नोलॉजी की दुनिया के वो दिग्गज जो डालेंगे कारों के बाज़ार पाए सबसे ज़्यादा असर

कोरोना (corona) ने हमारी रफ्तार के पहिए रोके जरूर, लेकिन ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में देश और दुनिया ने आगे बढ़ना जारी रखा। नया साल भी इस गति को बरकरार रखेगा। वहीँ देश की वाहन नीतियों में भविष्य की परछाईं नजर आती है। बीते साल ऑटोमोबाइल के क्षेत्र में देश और दुनिया में बहुत बदलाव और तरक्की हुई। जहां एक और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और जापान के तत्कालीन प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Former Japanese PM Shinjo Abe) ने बुलेट ट्रेन परियोजना (Indian Bullet Train Project) की शुरुआत की वहीँ 'वैश्विक नवाचार सूचकांक' में देश पिछले वर्ष के 57वें पायदान से पांच स्थान ऊपर चढ़कर 2019 में 52वें पायदान पर पहुंच गया। इतना ही नहीं, कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emmision) को कम करने के लिए प्रस्तावित बीएस-6 उत्सर्जन मानक वाले वाहनों की बिक्री शुरु की गई। इस साल ऑटो मुगल ही भविष्य की कार नहीं बना रहे। अब वे दिग्गज भी इसमें शामिल हो गए हैं जो कुछ साल पहले तक इस दौड़ का हिस्सा भी नहीं थे।

जनरल मोटर्स
-बीते साल से जनरल मोटर्स के मालिकाना हक वाली कंपनी क्रूज ऑटोमेशन कंपनी ने भी स्वाचालित कारों का परीक्षण कुछ अमरीकी शहरों में शुरू कर दिया है। जनरल मोटर्स ने अमरीकी सरकार से ऐसी स्वचालित ड्राइविंग कारों को विकसित करने की मंजूरी मांगी है जिनमें स्टीयरिंग नहीं होंगे।
फोर्ड मोटर्स
2019 में फोर्ड आर्गो एआइ ने कार्नेगी मैलनद यूनिवर्सिटी में डेढ़ करोड़ रुपए के निवेश के साथ ऑटोनोमस व्हीकल रिसर्च सेंटर शुरू किया है। यह सेंटर आगामी ५ सालों में सेल्फ-ड्राइविंग तकनीक को अपग्रेड करने और खामियों को दूर करने पर काम करेगा।

होंडा व टोयोटा मोटर्स
इसी क्रम में होंडा मोटर्स ने भी 2020 तक हाइवे पर स्वाचालित वाहनों को उतारने की योजना बनाई थी जो कोरोना के चलते आगे बढ़ गई है। हाल ही टोयोटा मोटर्स ने घोषणा की है कि वह एनवीडिया की टेक्नोलॉॅजी का उपयोग सेल्फ ड्राइविंग कारों को विकसित करने में करेगा।
रिनॉल्ट निसान मोटर्स
कंपनी का लक्ष्य साल 2025 तक ड्राइवरलैस कार उतारने की है। वह इसके लिए वायमो के साथ करार कर 110 अलग-अलग स्वचालित कार बाजार में उतारने पर काम कर रहा है। वहीं वोल्वो भी 2021 के अंत तक स्वचालित कार लाने के लिए प्रयासरत है।

डेमलर और बीएमडब्ल्यू
2019 में दोनों कंपनियों ने करार करते हुए, राइड शेयरिंग सर्विस में उतरने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने इलेक्ट्रिक और सेल्फ ड्राइविंग कारों पर काम करना शुरू कर दिया है। 2024 तक वे 4 लेवल की अलग-अलग श्रेणियों में सेल्फ ड्राइविंग वाहन उतारने की तैयारी कर रहे हैं।
टेस्ला मोटर्स
एलन मस्क की इलेक्ट्रिक कारों के अलावा उनकी सेल्फ ड्राइविंग कारों को लेकर भी अक्सर चर्चाएं होती रहती हैं। अपनी समकालीन कंपनियों की तुलना में टेस्ला इस दौड़ में सबसे आगे चल रही है। मस्क ने जुलाई 2020 में कहा था कि उनकी कंपनी लेवल पांच के सेल्फ ड्राइविंग तकनीक के हासिल करने के बहुत करीब है।

वे टेक कंपनियां जो डालेंगी प्रभाव
अल्फाबेट (गूगल):
गूगल की पैतृक कंपनी अल्फाबेट भी सेल्फ-ड्राइविंग कार पर काम कर रही है। उनकी इस कार का नाम वायमो है। आईईईई स्पेक्ट्रम के मार्क हैरिस के अनुसार 2009 से 2015 के बीच गूगल ने 1 अरब डॉलर खर्च करके अपनी सेल्फ ड्राइविंग कारों की तकनीक विकसित की है।
अमेजन:
ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने 2019 में पावरफुल ऑटोनॉमस व्हीकल्स को विकसित करने वाली सिलिकॉन वैली स्टार्टअप औरोरा में निवेश किया है। अमेजन अब इस स्टार्टअप के जरिए अपने सेल्फ ड्राइविंग कार के सपने को पूरा करने पर काम कर रहा है। गौरतलब है कि अमेजन ने 2017 में ही ऑटोनोमस लेन-स्विचिंग तकनीक के लिए पेटेंट करवाया है।

माइक्रोसॉफ्ट:
यह टेक दिग्गज कंपनी अअन्य कंपनियों की तुलना में कनेक्टेड व्हीकल समाधानों को सशक्त बनाने पर काम कर रही है। माइक्रोसॉफ्ट कनेक्टेड व्हीकल प्लेटफॉर्म के जरिए वह स्वचालित कारों का सपना पूरा करने में जुटे हुए हैं। यह पार्टनर नेटवर्क के साथ क्लाउड और कंप्यूटिंग सेवाओं को 'कनेक्टेड ड्राइविंग सॉल्यूशंस' का निर्माण करता है जो इन-व्हीकल एक्सपीरियंस और ऑटोनॉमस ड्राइविंग से लेकर प्रेडिक्शन सर्विसेज और कनेक्टिविटी तक फैला है।
बाइडू:
2013 में बाइडू ने अपने अनुसंधान संस्थान के जरिए स्वायत्त चालक रहित वाहनों के डवलपमेंट पर काम शुरू किया था। इस परियोजना का विस्तार धीरे-धीरे 10 हजार डवलपर्स और इंटेल, बीएमडब्ल्यू, बेंज, किंग्लॉन्ग और एक्सटीई सहित दुनिया भर में 50 से अधिक भागीदारों के साथ हुआ। बाइडू ने अपोलो नाम का एक पूर्ण स्वचालित ड्राइविंग पारिस्थितिकी तंत्र विकसित किया है। जो ऑटोमोटिव उद्योग में भागीदारों को सक्षम बनाता है और वाहन सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर प्रणालियों को संयोजित करने के लिए स्वायत्त ड्राइविंग को जल्दी से अपने पूर्ण एवी सिस्टम का निर्माण करता है।

ऐपल:
जून 2017 में ऐपल के सीईओ टिम कुक ने ऐपल कार का सबसे पहले जिक्र किया था। यह ऑटोनोमस ड्राइविंग सॉफ्टवेयर पर आधारित होगी। इसका सबसे आकर्षक हिस्सा इसकी अब तक की सबसे बेहतरीन कार बैट्री है जो इसे अपने समकालीन प्रतिद्वंद्वियों से अलग खड़ा करती है। ऐपल कंपनी अपने प्रोजेक्ट्स को लेकर बहुत गोपनीयता बरतती है। कुछ ऐसा ही उसने अपनी कार को लेकर भी किया है। एक बेहद गोपनीय आंतरिक प्रोजेक्ट के रूप में ऐपल की संभावित कार 'टाइटन' नए साल के आखिर तक लोगों के सामने आ सकती है। ऐपल की इस इलेक्ट्रिक कार में कथित तौर पर नई बैटरी तकनीक होगी जो न केवल लागत कम करने में सहायक होगी बल्कि बैट्री की उम्र भी अधिक होगी। एक रिपोर्ट के मुताबिक ऐपल इस कार का 2024 से उत्पादन शुरू कर देगी।
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