script३डी प्रिंटिंग से बेघरों को दे रहे सपनों का आशियाना | In 3-D printing, one solid solution to homelessness | Patrika News

३डी प्रिंटिंग से बेघरों को दे रहे सपनों का आशियाना

locationजयपुरPublished: Mar 24, 2020 01:58:32 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

तेजी से बढ़ती आबादी को आवासीय सुविधाएं मुहैया करवाना किसी भी देश के लिए आज एक बड़ी चुनौती है। जगह की कमी, महंगे ऋण एवं ब्याजदरों के अलावा भविष्य की जरुरतों के हिसाब से भी डिजायन किया गया हो, बनाना एक मुश्किल काम है। लेकिन इस चुनौती को भी तकनीक की मदद से हराया जा सकता है।

हाल ही टेक्सास के ऑस्टिन शहर में बेघरों के लिए छह खास डिजायन वाले किराए के घरों का निर्माण किया गया है। इन घरों की खासियत ये हैं कि इन्हें 3डी प्रिंटिंग तकनीक का इस्तेमाल कर डिजायन और निर्माण किया गया है। इन 3डी प्रिंटेड हाउस को अमरीकी हाउसिंग इंडस्ट्री भविष्य के घर बता रही है जो घर बनाने के व्यवसाय में क्रांति ला सकती है। 69 साल के शिया इस 3डी प्रिंटेड घर में रहने वाले पहले व्यक्ति हैं। आर्थराइटिस से पीडि़त शिया अभी तक व्हीलचेयर के सहारे आस-पास घूमफिर रहे थे। उनके लिए उनके पास अपना घर खरीदने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं थे।
180 बेघरों को मिली छत
ऑस्टिन में बेघरों के लिए बनाए रैन बसेरों की जगह अब इन इस नए ३डी प्रिंटेड घरों को रहने के लिए सेट किया गया है। इन छह घरों में फिललहाल 180 बेघर रह रहे हैं। 51 एकड़ में फैले इस कम्युनिटी फस्र्ट विलेज में बेघरों और सेवानिवृत्त बुजुर्गों के लिए ५०० घर बनाए गए हैं जिनमें से ये इस नए 3डी प्रिंटेड घर भी शामिल हैं। कंस्ट्रक्शन टेक्नालॉजी कंपनी आइकन ने इन घरों का निर्माण किया है। कंपनी का इससे समय और पैसे की भी बचत होती है और ये घर ज्यादा जगह भी नहीं घेरते।
पहला थ्रीडी प्रिंटेड घर
आइकन कंपनी का दावा है कि 400 स्क्वेयर फुट में बने ये घर अमरीका के पहले 3डी प्रिंटेड घर हैं। इन घरों की डिजायन और फ्रेमिंग 11 फुट ऊंचे और करीब 1800 किलोग्राम वजनी 3डी प्रिंटर से बनाई जाती है। यह पूरी तरह से रोबोटिक आधारित मशीनी प्रक्रिया है। एक ठोस कंक्रीट सामग्री ‘लवमेक्रीट ओवेज़’ को बीफॉथ प्रिंटर की सहायता से दीवारें, छतें और फर्श बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इससे बनी दीवारों के कोने घुमावदार और ठोस होते हैं। आइकन के सह-संस्थापक एवं सीईओ जैसन बैलार्ड का कहना है कि इस 3डी प्रिंटेड हाउस का आइडिया अवासीय परियोजनाओं में लगने वाले समय और पारंपरिक निर्माण से जुड़ी फिजूल लागत को कम करने के लिए आया था। इसके अलावा पर्यावरण एवं कार्बन फुटप्रिंट और कर्मचारियों की संख्या को सीमित करने भी इसका एक उद्देश्य था। इस प्रक्रिया ने घरों के डिजायनिंग का तरीका ही बदल दिया है। क्योंकि यह प्रिंटर स्लोप और कर्व का उपयोग करता है इसलिए भविष्य में 3डी प्रिंटिंग से जुड़ी नई डिजाइन भाषाएं उभरेंगी जो केवल 3 डी प्रिंटिंग के माध्यम से ही संचालित होंगी।
गौरतलब है कि अमरीका में 2007 के 22.9 फीसदी की तुलना में 2017 में बेघरों की आबादी बए़कर 33.8 फीसदी हो गई। ऐसे में बढ़ती आबादी और बेघरों को आवास उपलब्ध कराने के लिए 3डी प्रिंटिंग तकनीक ही सर्वोत्तम उपाय है। कम्युनिटी फस्र्ट विलेज में 430 डॉलर किराए पर इन मकानों में रहने की सुविधा है। इन मकानों को आइकन कंपनी ने सेकंड जनरेशन के थ्रीडी प्रिंटर वल्कन-।। से बनाया है।
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