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EMI पर स्मार्टफोन खरीदते हैं तो हो जाएं सावधान, हैक हो सकता है आपका फोन, जानिए कैसे

फोन की किश्त वसूलने के लिए ये लोन कंपनियां उन्हें ऐप के द्वारा ट्रैक करती हैं।

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स्मार्टफोन कंपनियां नई—नई टेक्नोलॉजी और लेटेस्ट फीचर्स से लैस स्मार्टफोन लॉन्च कर रही हैं। ऐसे में उनकी कीमतें भी ज्यादा होती हैं। ग्राहक उन स्मार्टफोन्स को आसानी से खरीद पाए, इसके लिए स्मार्टफोन कंपनियां और ई—कॉमर्स वेबसाइट्स ग्राहकों को स्मार्टफोन EMI (आसान मासिक किश्तों) मेंं भी उपलब्ध कराती हैं। हालांकि ईएमआई पर मोबाइल लेना आपको मुसीबत में भी डाल सकता है। कई लोन कंपनियां ग्राहकों को मोबाइल खरीदने के लिए लोन देती हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अगर ग्राहक समय पर लोन नहीं चुका पाता है तो कंपनियां आपके फोन को हाइजैक भी कर सकती हैं। साथ ही आपके मोबाइल में मौजूद पर्सनल डाटा भी एक्सेस कर सकती हैं।

क्रेडिट हिस्ट्री न होने से परेशानी
बता दें कि देश के मेट्रो और छोटे शहरों में लोगों के पास क्रेडिट कार्ड होते हैं। वे क्रेडिट कार्ड से सामान खरीदते हैं और उनके पास क्रेडिट हिस्ट्री भी होती है। क्रेडिट कार्ड से वे स्मार्टफोन सहित कोई भी सामान किश्तों में यानी EMI में खरीद सकते हैं। लेकिन कई लोगों के पास क्रेडिट कार्ड नहीं होते। ऐसे में उनकी क्रेडिट हिस्ट्री न होने की वजह से उन्हें लोन लेने में परेशानी आती है। Rest of World की रिपोर्ट के अनुसार, बिना क्रेडिट हिस्ट्री के लोन देने वाली कंपनियां यूजर्स को लोन के पैसे चुकाने के लिए परेशान करती हैं।

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फोन में इंस्टॉल करती हैं ऐसी ऐप
रिपोर्ट के अनुसार, Rest of World की रिपोर्ट के अनुसार, बिना क्रेडिट हिस्ट्री वाले लोगों से फोन की किश्त वसूलने के लिए ये लोन कंपनियां उन्हें ऐप के द्वारा ट्रैक करती हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि ये कंपनियां ईएमआई पर लिए गए फोन में एक ऐप इंस्टॉल करती हैं। इस ऐप को ग्राहक डिलीट नहीं कर सकता। इस ऐप से ये कंपनियां ग्राहक को ट्रैक करती हैं। यह ऐप ग्राहक की लोकेशन को ट्रैक करती है। साथ ही उनके मोबाइल में मौजूद पर्सनल डाटा जैसे फोटोज, वीडियोज आदि को भी एक्सेस कर सकती है।

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फोन को कर देती हैं ब्लॉक
रिपोर्ट के अनुसार, ये कंपनियां फोन की ईएमआई न चुकाने पर ऐप के द्वारा उनके मोबाइल को ब्लॉक कर देती हैं और तब तक उसे अनब्लॉक नहीं करती, जब तक की ग्राहक किश्त नहीं चुका देता। ये कंपनियां ईएमआई में देरी होने पर ग्राहक को ऑडियो विजुअल नोटिफिकेशन भेजती हैं और पैसे चुकाने के लिए कहती हैं। ये कस्टमर के मोबाइल में वॉलपेपर बदल देती हैं और कैमरा व सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को स्मार्टफोन में ब्लॉक कर देती हैं। ये आपके पर्सनल डाटा को भी एक्सेस कर सकती हैं। ऐसे में आपके पर्सनल डाटा का दुरुपयोग भी कर सकती हैं।