
अमरीकी सेना के श्वान एआर गॉगल्स पहनते हैं, ताकि दूर से भी सुन सकें आदेश
अमरीकी सेना अपने आर्मी श्वानों को संवर्धित वास्तविकता (Augmented Reality or AR) तकनीक से लैस काले गागल्स लगा रही है। दरअसल अमरीकी थल सेना 'फोर्स ट्रूप कमांड' प्रोजेक्ट के तहत भविष्य में इस्तेमाल होने वाली सेना की नई तकनीक पर काम कर रही है। आसानी से पहने जा सकने वाले ये गैजेट्स श्वान को नियंत्रित करने वाले (Handler) सैनिक को उन्हें बहुत दूर से भी कमांड करने में सक्षम बनाता है। इन एआर उपकरणों को विशेष रूप से अमरीकी सेना के इन श्वानों के उपयोग के लिए ही डिजाइन किया गया है।
बहुत काम की है तकनीक
सैन्य अभियानों में ये प्रशिक्षित श्वान तकनीक की मदद से बेहतर काम कर सकते हैं। इन्हें आमतौर पर विस्फोटकों का पता लगाने के लिए स्काउट क्षेत्रों में भेजा जाता है। ज्यादा स्पष्ट कमांड देने के लिलए संचालकों को श्वानों के लगातार नजदीक बने रहने की जरूरत होती है। ऐसे में डॉग हैंडलर गलती से माइंस या बमों को सक्रिय कर सकता है क्योंकि वे सूंघने या खतरा भांपने में श्वानों जितने तेज नहीं होते।
ऐसे आती है काम
इन खास गॉगल्स से सैनिक श्वानों को खतरनाक क्षेत्रों में भी सुरक्षित दूरी पर रहते हुए भी आसानी से सही दिशाओं में जाने के कमांड दे सकते हैं। ये गैजेट ऑपरेशन के दौरान श्वानों को भी बचा सकते हैं क्योंकि अब वे दूर से भी स्पष्ट आदेश प्राप्त कर सकते हैं। इन एआर गॉगल्स को कमांड साइट इन्कॉर्पोरेशन ने एक प्रोजेक्ट के रूप में खास अमरीकी सेना के लिए विकसित किया है। इन काले चश्मे में हैंडलर को यह देखने के लिए कैमरे से मदद मिलती है कि वासतव में श्वान किस जगह मौजूद है। इतना ही नहीं श्वान भी दृश्य संकेतों (विजुअल क्यू) को देख सकते हैं और उनका अनुसरण कर सकते हैं।
Published on:
11 Oct 2020 07:52 pm
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