टिपिंग प्वॉइंट कार्यक्रम का हिस्सा
नासा ने अंतरिक्ष अभियानों में तेजी जाने और ज्यादा से ज्यादा फंड जुटाने के मकसद से ‘टिपिंग प्वॉइंट प्रोग्राम’ की शुरुआत की है। इसके अंतर्गत वे दुनियाभर की महत्वपूर्ण निजी कंपनियों के साथ करार कर साझा अभियान संचालित कर रहे हैं। एलन मस्क (Elon Musk) की स्पेस-एक्स (Space-X) की सफलता इसका परिणाम है। नोकिया को इसी प्रोग्राम के तहत चांद पर दुनिया का पहला 4जी (LTE/4G) सैल्यूलर नेटवर्क स्थापित करने के इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इसके तहत नासा ने नोकिया को 1 अरब रुपए से ज्यादा (14.1 मिलियन) का फंड मुहैया करवाया है।
तैयारियां पूरी, मिशन का इंतजार
इधर नोकिया की रिसर्च आर्म बेल लैब्स ने भी इस प्रोजेक्ट के लिए निजी अंतरिक्ष कंपनी ‘इंट्यूटिव मशीन’ के साथ हाथ मिलाया है। नोकिया जल्द ही कंपनी के लूनर लैंडर में एंड-टू-एंड एलटीई सॉल्यूशन फिट करेगी। इसमें एलटीई बेस स्टेशन, उपयोगकर्ता उपकरण और आरएफ एंटीना शामिल होंगे, जो अंतरिक्ष में लॉन्च, लैंडिंग और संचालन की भौतिक मांगों को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं।
अंतरिक्ष यात्रियों को ये फायदे होंगे
एक बार चांद की सतह पर 4जी (LTE/4G) सैल्यूलर नेटवर्क स्थापित करने के बाद मिशन और अंतरिक्ष यात्रियों को नेटवर्क डेटा ट्रांसमिशन, लूनर रोवर्स के नियंत्रण, रियल टाइम नेविगेशन और हाइ-डेफिनिशन वीडियो की स्ट्रीमिंग के लिए संचार सहायता मिल सकेगी। इतना हील नहीं यह अंतरिक्ष यात्रियों को स्पष्ट आवाज और वीडियो संचार क्षमताओं, टेलीमेट्री और बायोमेट्रिक डेटा ट्रांसमिशन और रोबोट पेलोड पर नियंत्रण भी प्रदान करेगा।