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बच्चों को भविष्य की चिंता, महासागरीय कचरे की सफाई के लिए बनाया रोबोट

locationजयपुरPublished: Nov 24, 2020 02:55:14 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

महासागर में सालाना बहाए जाने वाले अपशिष्ठ को निकालने के लिए बच्चों ने रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स के डिजायन को तैयार किया।

बच्चों को भविष्य की चिंता, महासागरीय कचरे सफाई  बनाया रोबोट

बच्चों को भविष्य की चिंता, महासागरीय कचरे सफाई बनाया रोबोट

हमारे शहर सालाना 80 लाख मीट्रिक टन प्लास्टिक कचरा महासागरों में बहा रहे हैं। यह मात्रा लगभग 90 विमान वाहकों के बराबर है। इस वैश्विक समस्या से निपटने के लिए अमरीकी स्कूल के छात्रों ने एक प्रतियोगिता के तहत ऐसे रोबोटिक्स डिज़ाइन बनाए जो इस कचरे को तेजी से निकालने में सक्षम हों। महासागर में सालाना बहाए जाने वाले प्लास्टिक कचरे को निकालने के लिए बच्चों ने रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल्स (आरओवी) के डिजायन को तैयार किया है।
बच्चों को भविष्य की चिंता, महासागरीय कचरे सफाई बनाया रोबोट
वर्जीनिया के एक स्विमिंग पूल में छठी कक्षा के बच्चों के बनाए ऐसे 9 आरओवी का परीक्षण किया गया। एलेक्जेंड्रिया कंट्री डे स्कूल की विज्ञान की शिक्षिका एलिसन मैकडॉनल्ड ने बताया कि यह परियोजना पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर स्कूली छात्रों को जागरूक करने के मकसद से आयोजित की गई थी। प्रतियोगिता के जरिए बच्चों को महासागरीय कचरा कम करने के वैज्ञानिक प्रयासों के बारे में सीखने को मिला।
बच्चों को भविष्य की चिंता, महासागरीय कचरे सफाई बनाया रोबोट
नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के ओशन प्लास्टिक्स गाइड के अनुसार वैज्ञानिकों का अनुमान है कि महासागरों में प्लास्टिक कचरे के कारण हर साल लाखों समुद्री जीव खत्म हो रहे हैं। समुद्र के मलबे से निपटने के लिए बनाए जाने वाले आरओवी के लिए छात्रों ने सीपर्च संगठन से परामर्श लिया। बच्चों की अलग-अलग टीमें ने आरओवी डिजाइन करने के लिए ड्रिल, पाइप कटर और वायर कटर का इस्तेमाल किया। वहीं प्लास्टिक कचरे को एकत्र करने के लिए 12 इंच के क्यूब के आकार के आरओवी बनाए। छात्रों ने पीवीसीह पाइप्स का इस्तेमाल कर फ्रेम, जाल और कचरा निकालने का टूल भी बनाया। साथ ही व्हीकल में लगने वाली मोटर भी बच्चों ने ही बनाईं। इन सभी आरओवी को बच्चों ने अपनी कक्षाओं में बनाया था। इसलिए वहां इनका परीक्षण नहीं किया जा सका था।
बच्चों को भविष्य की चिंता, महासागरीय कचरे सफाई बनाया रोबोट
छात्रों ने इन डिजायन को ऐसे तैयार किया था कि ये पानी में न डूब जाएं। साथ ही ये एक जगह रुके रहने की बजाय लगातार आगे-पीछे मुड़ सकते थे। जाल को इस तरह डिजायन किया था कि वह पानी में तैरते छोटे से छोटे प्लास्टिक कचरे को भी पकड़ सके। इतना ही नहीं जरुरत पडऩे पर दो आरओवी को आपस में जोड़कर ज्यादा बड़े क्षेत्र को भी कवर किया जा सकता है। परीक्षण में सभी आरओवी ने अच्छज्ञ काम किया और कुछ ने तो एक बार में ही 30 से 40 प्लास्टिक बत्तखों को एकत्र किया जिन्हें पूल में प्लास्टिक कचरे के रूप में उपयोग किया गया था।
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