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देसी इंजीनियरिंग : पैशन के लिए स्कूल छोड़ा, लकड़ी की ऐसी साइकिल बनाई जो बच्चे के साथ ही बढ़ती है

तिपाई नाम की खास बाइक को सबसे पहले पुणे के इनोवेशन फेयर में प्रदर्शित किया, लोगों ने इतनी पसंद की अब यह शीर्ष ऑनलाइन साइट्स पर बिकती है

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जयपुर

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Mohmad Imran

Oct 11, 2020

देसी इंजीनियरिंग : पैशन के लिए स्कूल छोड़ा, लकड़ी की ऐसी साइकिल बनाई जो बच्चे के साथ ही बढ़ती है

देसी इंजीनियरिंग : पैशन के लिए स्कूल छोड़ा, लकड़ी की ऐसी साइकिल बनाई जो बच्चे के साथ ही बढ़ती है

अपने शौक के लिए आज के युवा कितने समर्पित हैं इसकी एक बानगी हैं 20 साल के प्रेम काले। अपने स्टार्टअप 'वामशीच' के साथ वे चलना सीख रहे, ट्रायसाइकिल पर संतुलन बना रहे बच्चों के लिए लकड़ी की ऐसी साइकिल बनाते हैं जो बच्चों के बड़ा होने के साथ ही खुद भी बढ़ती है। साल 2017 में प्रेम ने पुणे के विद्या वैली स्कूल से स्कूल ड्रॉप कर अपने इस शौैक को पूरा करने और इंजीनियरिंग को समर्पित कर दिया। 9वीं कक्षा में स्कूल प्रोजेक्ट के लिजए बनाए उनके एक ड्रोन डिजायन को खूब पसंद किया गया था। 10वीं कक्षा में उसने इंजीनियरिंग और डिजाइन को मिलाकर अपना पहला प्रोटोटाइप फोल्डिंग साइकिल बनाया। इसे बनाने के लिए उन्होंने ऑनलाइन यूट्यूब वीडियो देखकर बार-बार कोशिश करने के बाद इसे बनाया। पहला सफल प्रोटोटाइप मॉडल बनाने के बाद उन्होंने लकड़ी से अपनी बैलेंस बाइक बनाई।

तिपायी नाम की यह साइकिल वजन में हल्की है और इसमें कोई पैडल, चेन या ब्रेक भी नहीं है। प्रेम ने इसे रशियन बर्च प्लाइवुड से बनाया है। इस मॉडल पर उन्होंने दो साल पहले काम करना शुरू किया था। यह लकड़ी टिकाऊ होने के साथ ही आसानी से किसी भी डिजायन में ढल जाती है। संतुलन के लिए उन्होंने पहियों को चौड़ा रखा है। साइकिल के बाकी के पाट्र्स स्टेनलैस स्टील के हैं ताकि उनमें जंग न लगे। बीते साल ही उन्होंने अपनी यह बाइक बना ली थी।

इस साइकिल की खासियत है कि इसे तीन अलग-अलग स्तर पर उपयोग किया जा सकता है। पहला एक ट्रायसाइकिल के रूप में जब बच्चा 18 महीने से ढाई साल का होता है। दूसरा दो पहियों वाली कम ऊंचाई वाली साइकिल के रूप में जब बच्चा 2.5 से 3.5 साल का हो जाता है। तीसरा साइकिल के लकड़ी के फ्रेम को पीछे की ओर रिवर्स कर भी इसे 3.5 से 5 साल तक के बच्चे के चलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रेम का कहना है कि इस तरह मेरा यह डिजायन बच्चे के बढऩे के साथ ही खुद भी उसी अनुसार बढ़ता रहता है। इस साइकिल की सीट और कुछ पार्ट्स को हटाकर इसे बच्चे की उम्र के हिसाब से ढाल सकते हैं। इसके लिए साइकिल के साथ प्रेम एक निर्देशिका और पार्ट्स को एडजस्ट करने के लिए एलम की भी देते हैं।

तीसरी स्टेज की साइकिल का वजन करीब 3 किलो है जबकि शुरुआती दो स्टेजों की साइकिल का वजन 3.5 किलो है। इसे आसानी से कहीं भी ले जाया जा सकता है। इस बाइक की कीमत इसके रंग और डिजायन के आधार पर 3500 से 5000 रुपए के बीच है। प्रेम अब तक ऐसी 30 साइकिल बेच चुके हैं।