
वैज्ञानिको ने नए नए तरह के रोबोट विकसित किए हैं। इन रोबोट का प्रयोग सर्जरी से लेकर अंतरिक्ष विज्ञान तक में किया जा रहा है। शायद आपको आश्चर्य होगा की रोबोट साइंटिस्ट ने कीडे के आकार के रोबोट का विकास कर लिया है। इस रोबोट में इलेक्ट्रो स्टेटिक एडहिशन जैसी तकनीक का प्रयोग किया गया है, ये उसी तरह की प्रक्रिया है जिससे ग़ुब्बारे दीवार पर चिपकते हैं।
प्राकृतिक आपदाआें की निगरानी में कारगर है ये रोबोट
इस रोबोट का आकार छोटे सिक्के के बराबर होता है। साइंस जर्नल में प्रकाशित हुए लेख के अनुसार इस स्टडी में ये रोबोट प्रोग्राम किए हुए ड्रोन हैं। जिनमें हर एक का आकार लगभग 10 पेंसके सिक्के के बराबर है।
लंदन इंपीरियल कॉलेज के एरियल रोबोटिक्स प्रयोगशाला के निदेशक डॉ मियरको कोवास ने बताया कि हाल में इस तरह के रोबोट वातावरण की निगरानी और आपदा राहत प्रयासों में आज़माए जा रहे हैं। डॉ कोवास के अनुसार सेंसर से युक्त छोटे और सस्ते रोबोट के ये समूह घने जंगलों की आग आैर आपदाआें के बारे में बताने में बेहद कारगर साबित होते हैं।
इस प्रोजेक्ट में मुख्य शोधकर्ता और मैसाच्यूसेस इंस्टीट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी के पीएचडी छात्र मोरिस बताते हैं कि घूमते हुए माइक्रो रोबोट में ऊर्जा की खपत जल्द हो जाती है, एेसे में ऊंचे स्थानों पर बैठने वाले रोबोट इस समस्या का बेहतर समाधान हैं।
मोरिस कहते हैं कि इन छोटे रोबोट के लिए पक्षियों के पंजे की तरह टिकने वाले मैकेनिकल औज़ार बनाना काफ़ी मुश्किल होता है। इस समस्या को सुलझाने के लिए शोधकर्ताओं ने इलेक्ट्रो स्टेटिक चार्ज के साथ एक छोटा समतल लैंडिंग पैच डिज़ाइन किया है, जिसको स्विच के जरिये ऑन ऑफ़ किया जा सकता है।
खास बात ये है कि इस नए तरह के अविष्कार से हर तरह के छोटे उपकरणों के लिए मैन्युफ़ैक्चरिंग से लेकर माइक्रो सर्जरी तक नए रास्ते खुलने की उम्मीद है।
Published on:
25 May 2016 12:02 pm
बड़ी खबरें
View Allटेक्नोलॉजी
ट्रेंडिंग
