पीठ के बल सतह पर उतरती हैं मक्खियां
आमतौर पर घरेलु मख्खियां पीठ के बल सतह पर उतरती हैं लेकिन यह प्रक्रिया इतनी तेज़ी से होती है की हमें सामान्य आँखों से यह नज़र नहीं आती। डेटा एकत्र करने के लिए चेंग की टीम ने हाई-डेफिनिशन कैमरे से वीडियो ग्राफी के जरिए एक उड़ान कक्ष में मक्खियों के उल्टे लैंडिंग करने की तकनीक की जांच की। उन्होंने पाया कि कीड़े आमतौर पर समय पर लेंड करने के लिए चार अलग-अलग प्रक्रिया का उपयोग करते हैं। पहले वे अपनी गति बढ़ाते हैं, फिर एक सर्कल में अपने शरीर को तेजी से घुमाते हैं, इसके बाद अपने पैरों का इस्तेमाल कर अपने झूलते शरीर को सतह पर लैंड करते हैं।
आमतौर पर घरेलु मख्खियां पीठ के बल सतह पर उतरती हैं लेकिन यह प्रक्रिया इतनी तेज़ी से होती है की हमें सामान्य आँखों से यह नज़र नहीं आती। डेटा एकत्र करने के लिए चेंग की टीम ने हाई-डेफिनिशन कैमरे से वीडियो ग्राफी के जरिए एक उड़ान कक्ष में मक्खियों के उल्टे लैंडिंग करने की तकनीक की जांच की। उन्होंने पाया कि कीड़े आमतौर पर समय पर लेंड करने के लिए चार अलग-अलग प्रक्रिया का उपयोग करते हैं। पहले वे अपनी गति बढ़ाते हैं, फिर एक सर्कल में अपने शरीर को तेजी से घुमाते हैं, इसके बाद अपने पैरों का इस्तेमाल कर अपने झूलते शरीर को सतह पर लैंड करते हैं।
शोधकर्ताओं का मानना है कि लैंडिंग की पूरी प्रक्रिया एक जटिल दृश्य श्रृंखला द्वारा निर्धारित किया जाता है। इसके जरिए इन संवेदी मक्खियों को अपनी वांछित लैंड करने की जगह का संकेत मिलता है। एक रोबोट को ऐसा करने के लिए बहुत चुस्त होना होगा। प्रोफेसर बो चेंग का कहना है कि इन कीटों की इंजीनियरिंग का इस्तेमाल न्यूरोसाइंस में भी किया जा सकता है। उनका कहना है कि मक्खी का सूक्ष्म दिमाग इस तरह की पैंतरेबाजी को पलक झपकते ही करने के लिए कैसे सक्षम है यह इंसान की न्यूरोसांइस एवे नर्वस सिस्टम से जुड़ी कई समस्याओं की गुत्थी सुलझा सकती है।