अपने शुरुआती उपग्रह-डेटा प्रोजेक्ट को याद करते हुए वेस्ट बताती हैं कि उन्होंने 1950 और 1960 में इंजीनियरों और वैज्ञानिकों के साथ काम किया। देश की नौसेना और सुरक्षा तकनीकों को और अधिक पुख्ता करने के मकसद से उन्होंने भविष्य को ध्यान में रखते हुए नवीन तकनीकों पर काम करना शुरू किया। उन्होंने उपग्रह जियोडेसी (वह विज्ञान जो पृथ्वी के आकार और स्वरूप को मापता है) पर काम किया और जीपीएस की सटीकता और उपग्रह डेटा की माप में योगदान दिया। साल 2000 में उन्हें वर्जीनिया पॉलिटेक्निक संस्थान से सार्वजनिक प्रशासन में डॉक्टरेट की उपाधि दी गई। उन्होंने जिस तकनीक को बनाने में मदद की आज पूरी दुनिया में उसका उपयोग किया जाता है। जीपीएस तकनीक ने दुनिया की सोच और क्षमताओं को बदल दिया है, विशेष रूप से सफर को। हालांकि वे अब भी अपनी कारों में जीपीएस का इस्तेमाल नहीं करती हैं।