अर्थव्यवस्था में जुड़ेंगे 26 खरब डॉलर
जलवायु परिवर्तन के खिलाफ संघर्ष में अगर हमारी जीत होती है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था में 26 खरब डॉलर का इजाफा होगा। जिस तेजी से इस मुहिम को एक से दूसरे देश तक समर्थन मिल रहा है सरकारें जलवायु परिवर्तन के खिलाफ नीतियां बनाने को तैयार हो गई हैं। आने वाले समय में निजी कारों में चलने पर प्रतिबंध लग सकता है। परिवहन के ज्यादा सस्ते और तेज संसाधन उपलब्ध होंगे। ये जीरो कार्बन उत्सर्जन करेंगे और ग्रीन एनर्जी से चलेंगे। इससे हवा की गुणवत्ता सुधरेगी और वाहन पार्क करने के लिए अतिरिक्त जगह होगी। प्लांट बेस्ड खाना हमारी दिनचर्या में शामिल होंगे। जल्द ही सिंगल-प्लास्टिक और प्लास्टिक की बोतलों के लिए ऐसे सिस्टम लागू हो जाएंगे जिसमें इनका इस्तेमाल करने पर आपको जमा-राशि देनी होगी और इन्हें वापस जमा कराने पर राशि आपको लौटा दी जाएगी। घर भी इको-फ्रेंडली होंगे और उन्हें पर्यावरण का समर्थन करने वाले उत्पादों से बनाया जाए। इसमें कबाड़, कागज की लुगदी की ईंटों और पुरानी इमारतों की लकडिय़ों या छतों से बनाया जाएगा ताकि अतिरिक्त पेड़ काटने ही न पड़ें।
4 ‘R’ से बनेगी बात
पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग से लडऩे का एक और बेहतर उपाय है 4 ‘आर’ का उपयोग। चार आर यानि रिफ्यूज प्लास्टिक और कार्बन उत्सर्जन को, रियूज चीजों का दोबारा इस्तेमाल बढ़ाओ, रिड्यूज यानि अपनी जरुरतों और संसाधनों का उपयोग सीमित करो और रिसाइकिल अर्थात कबाड़ हो चुकी चीजों को फिर से उपयोग करने योग्य उत्पादों में बदलो। इन चार आर के जरिए न केवल पर्यावरण को बचाया जा सकता है बल्कि जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वॉर्मिंग से भी निपटा जा सकता है।