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समुद्री ड्रोन की मदद से ढूंढ निकाली द्वितीय विश्वयुद्ध के समय लापता हुयी पनडुब्बी

तकनीकी क्षमता में सुधार होने के साथ ही समुद्र तल पर बिछी कई ऐतिहासिक परतों से भी पर्दा उठने लगा है। ऐसी ही एक खोज हाल ही जापान में हुई जहां टिम टेलर और उनकी टीम ने द्वितीय विश्वयुद्ध के समय लापता हुई एक अमरीकी पनडुब्बी को समुद्र की गहराइयों में ढूंढ निकाला।

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जयपुर

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Mohmad Imran

Nov 25, 2019

समुद्री ड्रोन की मदद से ढूंढ निकाली द्वितीय विश्वयुद्ध के समय लापता हुयी पनडुब्बी

समुद्री ड्रोन की मदद से ढूंढ निकाली द्वितीय विश्वयुद्ध के समय लापता हुयी पनडुब्बी

जापान के ओकिनावा समुद्र क्षेत्र में टीम ने 75 साल पहले खोए इस पनडुब्बी का पता लगाने के लिए 1400 फीट गहरे पानी में उच्च तकनीक से लैस ऑटोनोमस अंडरवाटर व्हीकल्स (एयूवी) ड्रोन का इस्तेमाल किया था। जिसकी कीमत करीब 70 लाख रुपए (7 मिलियन डॉलर) है।

ड्रोन ने अपने हाई-डेफिनिशन कैमरे से जो तस्वीरें मौनिटर पर भेजीं उससे साफ जाहिर था कि यह एक यूएसएस-ग्रेबैक सबमरीन है जो समुद्र की तली में स्याह पानी में पड़ी हुई है। टिम ने बताया कि जब ये पनडुब्बी समुद्र की अथाह गहराई में डूबी तब इसमें 80 लोग सवार थे।

यह द्वितीय विश्वयुद्ध में अमरीका की सबसे प्रभावशाली पनडुब्बी थी जिसने पानी में भी अमरीका को अजेय बनाने में मदद की थी। अमरीकी नौसेना ने भी इसकी पुष्टि कर दी है। गौरतलब है कि विश्वयुद्ध के दौरान अमरीका की 52 पनडुब्बियां लापता हो गई थीं। टिम की टीम ने इनमें से एक पनडुब्बी को खोज निकाला थाा। यह पनडुब्बी अपने 10वें लड़ाकू मिशन पर 28 जनवरी, 1944 को पर्ल हार्बर से रवाना हुई थी।