scriptआपका कॉर्पोरेट ईमेल भी जालसाजी का जरिया बन सकता है | Your corporate email isn't as safe as you think | Patrika News

आपका कॉर्पोरेट ईमेल भी जालसाजी का जरिया बन सकता है

locationजयपुरPublished: Mar 25, 2020 02:54:44 pm

Submitted by:

Mohmad Imran

ऑनलाइन ठगी डिजिटल दुनिया में हमारे बैंक खातों में सेंधमारी का सबसे आसान तरीका है। कार्ड क्लोनिंग, ओटीपी, रैनसम कॉल और करोड़ों की लॉटरी का झांसा देकर बैंक खातों पर हाथ साफ करने के तरीकों की पहचान हो जाने पर अब ठगों ने एक नया तरीका ढूंढ लिया है। अक्सर हम ऑफिस एवं कॉर्पोरेट ईमेल को सुरक्षित और बहुत कॉन्फिडेशिंयल मानते हैं।

आपका कॉर्पोरेट ईमेल भी जालसाजी का जरिया बन सकता है

आपका कॉर्पोरेट ईमेल भी जालसाजी का जरिया बन सकता है

अगर आप भी ऐसा ही सोचते हैं तो होशियार हो जाएं। क्योंकि अब जालसाज इन्हीं कॉर्पोरेट ईमेल का सहारा लेकर ऑनलाइन ठगी कर रहे हैं। अप्रैल 2019 में एक अमरीकी कंपनी की अकाउंटेंट जोआना को उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी का ईमेल मिला। इसी ईमेल से इन जालसाजों के ठगी करने के इस नए तरीके का खुलासा हुआ। ईमेल में सीईओ बारबरा ने जोआना को साइबर सुरक्षा देने वाली कंपनी को एक चेक भेजने के लिए कहा था। जोआना को इस पर संदेह हुआ। उन्होंने कंपनी से इस बारे में पूछा तो साइबर सुरक्षा देने वाली कंपनी ने कहा कि हां वे उन्हें चेक भेज दें। ठग कंपनी और फर्म दोनों के अधिकारिक ईमेल के फर्जी अकाउंट से जवाब दे रहे थे।
उड़ाए 2600 करोड़ रुपए
जब ठगों को पकडऩे के मकसद से वास्तविक साइबर सुरक्षा कंपनी ने खोजबीन की तो पता चला कि फर्जी अकाउंट से ईमेल भेजने वाले गिरोह के सदस्य नाइजीरिया, घाना और केन्या से नेटवर्क संचालित कर रहे हैं। बीते सप्ताह प्रकाशित अगारी साइबर सुरक्षा कंपनी की जांच रिपोर्ट के अनुसार, बीते साल अप्रैल और अगस्त के बीचइस गिरोह ने दुनियाभर में लगभग 2100 कंपनियों में 3000 से अधिक लोगों को ऐसे कॉर्पोरेट मेल के जरिए अपना निशाना बनाया था। वहीं हाल ही मामले की जांच कर रही अमरीकी जांच एजेंसी एफबीआई की रिपोर्ट के अनुसार अमरीका में इस तरह के ईमेल ठगी के मामले उन राज्यों में ज्यादा बढ़ गई है जहां आमतौर पर प्रायोजित हैक या रैंसमवेयर जालसाजी के मामले बहुत सामान्य न हों। एफबीआई का कहना है कि कॉर्पोरेट ईमेल के जरिए ठगी करने वाले गिरोह की वारदातें मई 2018 से जुलाई 2019 तक 100 फीसदी तक बढ़े हैं। जून 2016 से जुलाई 2019 तक 166,349 मामले दर्ज किए गए। इस दौरान जालसाजों ने 262० करोड़ रुपए की वैश्विक ठगी कर डाली थी।
आपका कॉर्पोरेट ईमेल भी जालसाजी का जरिया बन सकता है
ऐसे करते हैं ठगी
ठग पैसों के ट्रांजेक्शन के लिए एक ईमेल करते हैं जिसमें तत्काल एक तय राशि चेक द्वारा देने के लिए कहा जाता है। ईमेल अक्सर सीईओ, वाइस प्रेसिडेंट या डायरेक्टर जैसे किसी उच्च पद के अधिकारी की ईमेल के फर्जी अकाउंड से भेजा जाता है। ईमेल में अधिकारी तुरंत पैसा ट्रांसफर करने का अनुरोध करेगा। ऐसे ही कई बार पेरोल कर्मचारियों को प्रीपेड कार्ड खाते में अपनी प्रत्यक्ष जमा जानकारी (डीडीआइ) को अपडेट करने का अनुरोध करने वाला ईमेल मिलेगा। जब तक कंपनियों को इस ठगी का पता चलता है बहुत देर हो चुकी होती है।
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