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INSA : पुरुषों की इस सोच को बदलना चाहती थीं चंद्रिमा

-स्थापना के 84 वर्ष बाद भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (indian national science academy) की पहली अध्यक्ष डॉ. चंद्रिमा साहा (chandrima saha) ने पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्रों में जमाई धाक

Sep 21, 2019 / 09:04 pm

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INSA : पुरुषों की इस सोच को बदलना चाहती थीं चंद्रिमा

INSA : पुरुषों की इस सोच को बदलना चाहती थीं चंद्रिमा

भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (IANS) की पहली महिला अध्यक्ष बनने जा रही डॉ. चंद्रिमा साहा (67) ने विज्ञान और खेल जैसे पुरुष वर्चस्व वाले क्षेत्र में धाक जमाई है। वे अगले वर्ष जनवरी में कार्यभार संभालेंगी। वह पश्चिम बंगाल की पहली महिला क्रिकेट टीम की उप कप्तान रही हैं और ऑल इंडिया रेडियो की पहली महिला कमेंटेटर भी थीं। चंद्रिमा कहती हैं, क्रिकेट से उन्होंने टीम वर्क सीखा।
1984 में पहली बार लिंगभेद का अहसास हुआ, जब वह नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी, नई दिल्ली में वैज्ञानिक के रूप में शामिल हुईं। चंद्रिमा का कहना है कि उनके पुरुष साथी उन्हें नजरंदाज करते थे। वे किसी महिला वैज्ञानिक से हाथ तक नहीं मिलाते थे। तभी से मैंने लैंगिक पूर्वाग्रह से लडऩे की ठानी। वे कहती हैं अनुसंधान में महिलाओं की बराबर भागीदारी होनी चाहिए।
पिता ने माइक्रोस्कोप दिया तो जीव विज्ञान में पैदा हुई दिलचस्पी
चंद्रिमा कहती हैं बचपन में उनके पिता ने उन्हें टेलीस्कोप और माइक्रोस्कोप दिया। चूंकि बचपन से उनकी दिलचस्पी अंतरिक्ष विज्ञान में थी, लेकिन जब उन्होंने माइक्रोस्कोप से पानी और अन्य चीजों में इनसेक्ट्स को देखा था तो जीव विज्ञान में रुचि पैदा हुई। इसके बाद उन्होंने कई तरह इनसेक्ट्स और विषहीन सांपों को पालना शुरू कर दिया।

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