Curd On Hair For Healthy Hair: बारिश का मौसम जहां मन को भाता है, वहीं बालों के लिए एक बड़ी चुनौती बनकर आता है। लगातार बढ़ती नमी, गंदगी और बारिश का पानी बालों की जड़ों को कमजोर कर देता है, जिससे हेयर फॉल की समस्या आम हो जाती है। ऐसे में केमिकल प्रोडक्ट्स की जगह अगर आप नेचुरल उपाय अपनाना चाहते हैं, तो घर में मौजूद दही से बना हेयर मास्क आपके बालों को दे सकता है नई जान।
मानसून में बालों का झड़ना एक सामान्य समस्या बन जाती है, और इसके कई कारण होते हैं। इस मौसम में हवा में नमी की मात्रा बढ़ जाती है, जो बालों की जड़ों को कमजोर कर देती है। इसके अलावा, स्कैल्प में फंगल इंफेक्शन होने का खतरा भी अधिक बढ़ जाता है, क्योंकि गीले बालों में बैक्टीरिया और फंगस पनप सकते हैं। बारिश के पानी में गंदगी और बैक्टीरिया होते हैं, जो बालों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लगातार गीले बालों के संपर्क में आने से हेयर फॉलिकल्स भी कमजोर होते हैं, जिससे बालों का झड़ना और बढ़ सकता है।इन सभी कारणों से बाल कमजोंर होकर झड़ने लगते हैं। लेकिन दही से बना हेयर मास्क बालों की खोई ताकत वापस ला सकता है।
दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स, प्रोटीन, विटामिन B5 और कैल्शियम स्कैल्प को गहराई से पोषण देते हैं। यह न सिर्फ बालों की जड़ों को मजबूत करता है बल्कि डैंड्रफ और खुजली जैसी समस्याओं से भी राहत दिलाता है।
सामग्री
4 बड़े चम्मच दही
1 बड़ा चम्मच नारियल तेल
1 छोटा चम्मच शहद
कुछ बूंदें नींबू का रस (ऑयली स्कैल्प के लिए)
सबसे पहले, एक कटोरी में सारी सामग्री को अच्छे से मिला लें। फिर, तैयार मिश्रण को स्कैल्प से लेकर बालों के सिरों तक अच्छे से लगाएं। इसे 20-30 मिनट तक बालों में लगा रहने दें ताकि वह बालों में अच्छी तरह समा जाए। अंत में, माइल्ड शैंपू का इस्तेमाल करके बालों को धो लें। इस प्रक्रिया से बालों को पोषण मिलता है और उनका झड़ना भी कम होता है।अगर मॉनसून में बाल ज्यादा झड़ रहे हैं तो इस मास्क को हफ्ते में 1-2 बार लगाना फायदेमंद रहेगा। लगातार इस्तेमाल से बालों की हेल्थ में फर्क दिखने लगेगा।
-नमी से स्कैल्प में बैलेंस बनाए रखता है।
-डैंड्रफ और फंगल संक्रमण को रोकता है।
-हेयर फॉलिकल्स को मजबूत बनाता है।
-बालों में नैचुरल चमक और स्मूदनेस लाता है।
-बारिश के कारण आई ड्रायनेस को करता है रिपेयर।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Updated on:
05 Jul 2025 06:34 pm
Published on:
05 Jul 2025 04:44 pm