
Transform your life with these effective lifestyle hacks...
Healthy life, Happy life : कहते हैं एक हेल्दी और हैप्पी लाइफस्टाइल जीने के लिए सेल्फ इम्प्रोवेर्मेंट बहुत जरूरी है। हम सभी जाने अनजाने रोज खुद को बेहतर करने की कोशिश करते हैं। इसमें नयी जानकारी लेना, अपनी स्किल्स, आर्ट और एबिलिटी को पहचान कर उन्हें बेहतर करना अपने रिश्तों को मजबूत करना इत्यादि शामिल है। लाइफ की छोटी- छोटी चीजें हैं जो हमारी ज़िन्दगी को सुखद और हमारी ओवरॉल हेल्थ को अच्छा बनाने में मदद कर सकती हैं। सेल्फ इम्प्रूवमेंट से लाइफ में पॉजिटिव बदलाव तो आते ही हैं लाइफ खूबसूरत भी लगने लगती है। बेहतर कम्युनिकेशन, लोगों से सहानुभूति, टाइम मैनेजमेंट, स्किल लर्निंग, रिश्तों में कड़वाहट दूर करके मिठास लाना, इन सब बातों से हमारी लाइफ को पॉजिटिव इम्प्रोवेंट मिलता है। खुद को बेहतर करने से हम दूसरों की लाइफ को भी बेहतर बना सकते हैं। इस आर्टिकल में हमने लाइफ को सुधारने और व्यवस्थित करने के कुछ सरल तरीके हैं।
Communication is key : हमारी लाइफ में कम्युनिकेशन की क्या अहमियत है यह जानने से पहले यह किस्सा पढ़िए : 'मुझे ठंड लग रही थी, और मन कर रहा था कि मैं AC बंद कर दूं। लेकिन ऐसा करने से मेरे कलीग को असहजता होती। यह सोच कर मैंने AC बंद नहीं करने का फैसला किया। थोड़ी देर बाद मेरे लिए वो टेम्परेचर असहनीय हो गया। "क्या आपको तकलीफ होगी अगर मैं AC बंद कर दूं?" मैंने बहुत गिल्ट के साथ कलीग से पूछा। "ओह। मैं भी यही पूछने वाला था। फिर, मैंने सोचा कि आपको AC की जरूरत हो सकती है; इसलिए बंद करने के बजाय जैकेट पहनने का फैसला किया।' कलीग ने कहा। यह आपबीती क्वोरा (quora) पर अक्षय तिवारी ने शेयर की है। अक्षय अपनी पोस्ट में आगे लिखते हैं, 'अक्सर रिश्तों में, हम यह सोचकर कि दूसरे व्यक्ति को मंजूर नहीं होगा, अपने नेचर के खिलाफ जाने का फैसला करते हैं। अगली बार हम 'ऐसा सोचते हैं' मानने से पहले, एक बार पूछें, कम्यूनिकेट करें।'
हर रिश्ते की नीव होती है कम्युनिकेशन। कोई किसी का मन नहीं पढ़ सकता इसलिए सामने वाले को अपनी बात कहना जरूरी है। इसके अलावा जब कोई आपसे अपने दिल की बात कहे तो उसे सुनें और समझें, उनकी भावनाओं को नकारें नहीं। जिस व्यक्ति के साथ आप बात कर रहे हैं उन्हें कम्फर्टेबले फील करायें और सिर्फ कान लगाकर नहीं ध्यान लगा कर उनकी बात सुनें। जब एक परिवार में, वर्क प्लेस में या कहीं भी लोग एक दूसरे की बात को सुने और समझें तो कई सारी टेंशन खत्म हो सकती है।
Spend quality time together : घर, वर्क प्लेस या कम्युनिटी, जिन भी लोगों के साथ आपका रोज उठना बैठना है उनके साथ थोड़ा क्वालिटी टाइम बिताएं। घर के मेंबर्स के साथ गपशप, इंडोर या आउटडोर गेम्स खेलकर या किसी भी मनपसंद तरीके से क्वालिटी टाइम बिताएं । वर्क प्लेस पर टीम एक्टिविटी का हिस्सा बनें। अपने कलीगज के साथ कॉफी/टी/ लंच ब्रेक में जाएं। अपनी कामयाबी उनके साथ शेयर करें और उनकी कामयाबी का हिस्सा बनें। ठीक इसी तरह अपने घर के आस -पास रहने वाले पड़ोसी से भी मुलाकात बनाये रखें। ज़्यादा टाइम नहीं दे सकते हैं तो सुबह/शाम वॉक पर, मार्किट में मिल जाए तो हाल चाल पूछें और उनके मुश्किल समय में उनके काम आएं।
Maintain relationships : अपने दूर के रिश्तेदारों से, उन परिवार के सदस्यों से जो साथ नहीं रहते, दोस्तों से, रिलेशनशिप बनाए रखीं। उनकी कामयाबी या स्पेशल मौकों पर उन्हें बधाई दें। सप्ताह या दस पंद्रह दिन में एक बार कॉल करके उनका हाल चाल पूछें। मौका लगे तब मिलने भी जाएं।
Empathy and compassion : दूसरों की फीलिंग्स को समझने की कोशिश करें। पॉजिटिव एप्रोच रखें।
Avoid criticism : इस बात का ध्यान रखें की आपकी वजह से किसी के दिल को चोट ना पहुंचे। हर बात पर क्रिटिसाइज करना, गलतियां निकालना, अपनों को जज (judge) करना, उनका दिल दुखा सकता है।
Take responsibility : अपने किये की जिम्मेदारी लेना सबसे बड़ा साहस का काम है। अपनी गलतियों को छुपाने की बजाय उनसे सीखें। आज कल इमोशनल हेल्थ को लेकर कई नए शब्द सुनते हैं जिनमें गैलइटिंग, प्रोजेक्टिंग शामिल हैं। यह शब्द साइकोलॉजिकल एब्यूज से जुड़े हैं। इनका मतलब है किसी दूसरे पर कण्ट्रोल पाने के लिए उनको गलत ठहराना, झूट बोलना, अपना दोष किसी पर थोपना, अपनी गलतियां ना मानना। यह सब तभी होता है जब लोग अपने किये की जिम्मेदारी लेने से कतराते हैं। ऐसा करने से बचें।
Hold no grudges : कभी किसी से भी डिसएग्रीमेंट या मिसअंडरस्टैंडिंग हो जाये तो उस बात को ख़तम करें। लम्बे देर तक किसी बात के लिए नाराज़गी या मन में कड़वाहट अच्छी बात नहीं है। मेन्टल और एमोशनल्स हेल्थ के लिए भी हानिकारक है।
Maintain healthy boundaries : हर रिश्ते में हेल्दी बाउंड्रीज होना जरूरी है। हर तरह के रिश्ते में बॉउंड्रीज़ यानी सीमायें जरूरी है। इससे दो लोगों के बीच प्यार, इज्जत और अपनापन बना रहता है। साथ ही अच्छी सेहत के लिए भी मेंटल, इमोशनल और फिजिकल लिमिट बांधना जरूरी है।
Express love and affection : समय समय पर अपनों की तारीफ करना, उनका शुक्रिया अदा करना रिश्तों में मिठास और जीवन में खुशहाली लाता है। इसलिए प्यार और एप्रिसिएशन बताने और जताने में कमी नहीं रखनी चाहिए।
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Updated on:
05 Apr 2023 09:16 am
Published on:
05 Apr 2023 07:36 am
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