
HINDI DIWAS 2024
Hindi Diwas : हिंदी एक मात्र भाषा है जिसको भारत में सबसे जयदा बोली जाती है। भारत के कई राज्यों में प्रयोग किया जाता है व्है हम बात केरे दुनिया की , तो मंडेरिन, स्पेनिश और अंग्रेजी भाषा के बाद हिंदी दुनिया में चौथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। हर साल हिंदी दिवस पर स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी दफ्तरों में प्रतियोगिताओं और कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। साल 2024 खास है क्योंकि यह हिंदी को आधिकारिक भाषा के रूप में मान्यता दिए जाने की 75वीं वर्षगांठ है। क्यों मनाते हैं हिंदी दिवस ।
हर साल हिंदी दिवस के खाश मोके पर एक यूनिक थीम राखी जाती है। जो हिंदी भाषा के अलग-अलग पहलुओं और भारत के सांस्कृतिक और सामाजिक ताने-बाने में इसकी भूमिका पर केंद्रित होता है। इसलिए, आप में से कई लोग सोच रहे होंगे कि इस बार हिंदी दिवस 2024 की थीम क्या होगी। आपको बता दें कि घोषणा हो की गई है। इस बार बार का थीम "हिंदी पारंपरिक ज्ञान से कृत्रिम बुद्धिमत्ता तक " ( From traditional knowledge to artificial intelligence) जिसका मलतब जहाँ पारंपरिक प्रौद्योगिकी का प्रयोग करने के लिए हम पूर्व निर्धारित माध्यमों (कीबोर्ड, माउस, टचस्क्रीन, ग्राफिकल यूजर इंटरफेस, मेनू आदि) का प्रयोग करते हैं वहीं कृत्रिम बुद्धिमत्ता इनके साथ-साथ हमारी भाषा को समझने में भी सक्षम है और उससे संवाद किया जा सकता है।
हिंदी दिवस (हिंदी डे) हर साल 14 सितंबर को भारत में मनाया जाता है। यह दिन हिंदी को भारत की एक आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाए जाने की घटना को चिह्नित करता है। इसके मनाए जाने के पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:
ऐतिहासिक महत्व: 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया। यह निर्णय देश की भाषाई एकता को बढ़ावा देने के साथ-साथ भारत की भाषाई विविधता को मान्यता देने का एक प्रयास था।
हिंदी का प्रचार: हिंदी दिवस एक अवसर होता है हिंदी के उपयोग को विभिन्न क्षेत्रों, जैसे कि सरकारी कार्य, शिक्षा, और दैनिक संवाद में बढ़ावा देने के लिए। इसका उद्देश्य लोगों को हिंदी को अधिक स频त रूप से अपनाने और उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है।
सांस्कृतिक महत्व: यह दिन हिंदी साहित्य, कविता, और भाषा से संबंधित समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का उत्सव भी है। यह हिंदी के भारतीय संस्कृति और पहचान में योगदान की याद दिलाने का एक माध्यम है।
भाषाई एकता: हिंदी दिवस के माध्यम से एक बहुभाषी देश में भाषाई एकता को महत्व दिया जाता है। यह भारतीय राष्ट्रवाद की भावना को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ देश की विविध भाषाओं का सम्मान और मान्यता भी प्रदान करता है।
हिंदी दिवस (हिंदी दिवस) पहली बार 14 सितंबर 1953 को मनाया गया था। इस दिन का उद्देश्य हिंदी भाषा के महत्व और इसके प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देना था। 14 सितंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा ने हिंदी को देवनागरी लिपि में भारत की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया था, और हिंदी दिवस के आयोजन के माध्यम से इस ऐतिहासिक निर्णय की वर्षगांठ मनाने का निर्णय लिया गया। यह दिन हिंदी के योगदान को मान्यता देने और उसकी सांस्कृतिक एवं प्रशासनिक भूमिका को सम्मानित करने के लिए विशेष रूप से समर्पित है।
आप सभी हिंदी दिवस के इतिहास के बारे में तो जान चुके हैं, लेकिन क्या आप यह जानते हैं आखिर हिंदी भाषा का नाम हिंदी कैसे पड़ा। अगर नहीं, तो चलिए आपको इसके बारे में भी बताते हैं। शायद भी आप जानते होंगे कि असल में हिंदी नाम खुद किसी दूसरी भाषा से लिया गया है। फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिए गए हिंदी नाम का मतलबसिंधु नदी की भूमि होता है। 11वीं शताब्दी की शुरुआत में फारसी बोलने वाले लोगों ने सिंधु नदी के किनारे बोली जाने वाली भाषा को ‘हिंदी’ का नाम दिया था।
कुल मिलाकर, हिंदी दिवस हिंदी की सांस्कृतिक और प्रशासनिक महत्वता को सम्मानित करने का एक दिन है।
Updated on:
13 Sept 2024 09:39 pm
Published on:
11 Sept 2024 12:05 pm
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