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अकेले हैं तो घर में न बैठें, पूरे दिन की व्यस्त दिनचर्या बनाएं, फॉलो करें

कई बुजुर्ग आजकल घरों में अकेले रह गए हैं। इस कारण वे अवसाद में भी आ जाते हैं। इससे भी परेशान रहते हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि आपके पास ज्यादा समय है और नेगेटिव सोच आ जाती है। सकारात्मक सोच के लिए कुछ टिप्स-

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अकेले हैं तो घर में न बैठें, पूरे दिन की व्यस्त दिनचर्या बनाएं, फॉलो करें

अकेले हैं तो घर में न बैठें, पूरे दिन की व्यस्त दिनचर्या बनाएं, फॉलो करें

व्यस्त रहें, मस्त रहें

अधिक उम्र में अकेलापन ज्यादा परेशान करता है। इससे बचने के लिए हर दिन की एक दिनचर्या डायरी बनाएं। उसमें अपने पूरे दिन का व्यस्त कार्यक्रम तय करें। उसका अनुशासित तरीके से पालन करें। सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से खुद को जोड़ें। समाज सेवा में जुटें।

ब्रेन गेम खेलें

अधिक उम्र में दिमाग भी सुस्त होने लगता है। इससे भी नकारात्मकता आती है। ब्रेन को एक्टिव करने के लिए शतरंज, पजल्स, सुडोकू आदि माइंड गेम खेलें। अगर आपके पास पुरानी स्मृतियां जैसे कोई एलबम है तो उसको सप्ताह में एक बार देखें।

सुरक्षा का ध्यान रखें

अधिक उम्र में चिंता-तनाव की एक वजह सेफ्टी का भी होता है। शारीरिक सुरक्षा के लिए अपने पड़ोसियों से व्यवहार अच्छा रखें। उनसे नियमित रूप से संवाद करें। अपना एक फ्रेंड सर्कल बनाएं जहां अपनी बातें रख सकते हैं। पुलिस हेल्प लाइन का नंबर भी कहीं लिखकर रखें।

सोशल मीडिया पर रहें एक्टिव

सबसे पहले तो अपने फ्रेंड सर्कल, रिश्तेदारों को तलाशें। उनसे बातचीत करें। सावधानी रखने वाली बात यह है कि पर्सनल इमोशन अनजान से शेयर नहीं करें। क्लब, सीनियर सिटीजन ग्रुप, सोशल मीडिया ग्रुप से जुड़ें। यहां से भी मदद मिल सकती है।

दिनचर्या नियमित रखें

सुबह मॉर्निंग वॉक, एक्सरसाइज, बाजार से सामान लाना, नाश्ता, भोजन, अखबार पढऩा, पूजा-पाठ करना सहित अपनी दिनचर्या नियमित रखें। अगर कहीं नहीं जा रहे हैं तो भी फॉलो करें।