
Hospitality Industry के एक्सपर्ट बताते हैं कि होटल, पीजी और किराए के मकान का विकल्प जरूरत के हिसाब से होता है। Patrika
अगर आप अस्थायी रूप से शहर में हैं, बिना झंझट के रहना चाहते हैं और प्राइवेसी को उतनी प्राथमिकता नहीं देते तो होटल या पीजी बढ़िया ऑप्शन है। लेकिन अगर आपको स्टेबिलिटी, हेल्दी लाइफस्टाइल और पर्सनल स्पेस चाहिए तो किराए का मकान ही बेहतर है। कई बार शहरों में रहने का विकल्प चुनते समय सबसे बड़ा सवाल होता है- होटल या पीजी में रहें या फिर किराए पर मकान लें? दोनों के अपने फायदे और नुकसान हैं और सही विकल्प आपकी जरूरत, बजट, जीवनशैली और प्राथमिकताओं पर निर्भर करता है। यहां हम होटल/पीजी और किराए के मकान की तुलना करेंगे ताकि आप अपने लिए सबसे उपयुक्त विकल्प चुन सकें।
हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री से जुड़े मुदित माथुर बताते हैं कि जरूरत के हिसाब से अलग-अलग ऑप्शन हैं। अगर किया को कम टाइम और फ्लेक्सिबिलिटी चाहिए तो होटल बेस्ट है, खासतौर पर बैचलर या ट्रैवलिंग प्रोफेशनल के लिए। वहीं छात्रों या शुरुआती जॉबर्स के लिए PG सही विकल्प है, जो बजट फ्रेंडली और बेसिक सुविधा वाला होता है। अगर आपको लंबे टाम और फैमिली के साथ रहना है तो किराए का घर ही सबसे बेहतर ऑप्शन है, जहां आपको स्वतंत्रता, स्पेस और सुकून मिलेगा।
Updated on:
18 Jul 2025 04:50 pm
Published on:
17 Jul 2025 11:26 am
बड़ी खबरें
View Allलाइफस्टाइल
ट्रेंडिंग
स्वास्थ्य
