
नॉनस्टिक पैन और हेयर डाई से हो सकता है कैंसर
सैन फ्रांसिस्को. दुनिया में तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खानपान बीमारियों का बड़ा कारण बनता जा रहा है। एक अध्ययन में पाया गया है कि प्लास्टिक, नॉनस्टिक कुकवेयर और बालों में लगाई जाने वाली डाई जैसे रोजमर्रा के उपयोग वाले उत्पादों में पाए जाने वाले पीएफएएस (प्रति पॉली-फ्लोरोएल्किल पदार्थ) और बीपीए (फिनोल) केमिकल के कारण महिलाओं में महिलाओं में स्तन, अंडाशय, त्वचा और गर्भाशय कैंसर की आशंका बढ़ गई है। पीएफएएस को कभी न खत्म होने वाला केमिकल कहा जाता है। इसका उपयोग टेफ्लॉन पैन, वॉटरप्रूफ कपड़े, दाग-प्रतिरोधी कालीन और फूड पैकेजिंग में किया जाता है। इन माध्यमों से यह लोगों तक पहुंच रहा है। जर्नल ऑफ एक्सपोजर साइंस एंड एनवायर्नमेंटल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन शोध के मुताबिक कैंसर से पीडि़त महिलाओं के शरीर में इन रसायनों का स्तर काफी अधिक था। ऐसे में साफ है कि इनके कारण कैंसर का खतरा अधिक रहता है।
10 हजार महिलाओं पर किया शोध
दक्षिणी कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के केक स्कूल ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने 10000 से अधिक महिलाओं के रक्त और मूत्र के नमूनों का विश्लेषण किया। इस से पता चला कि पीएफएनए केमिकल और गर्भाशय कैंसर के बीच एक संबंध होता है। शोध के मुताबिक प्लास्टिक, रंग और अपशिष्ट जल में पाया जाने वाला फिनोल रसायन के संपर्क में आने वाली महिलाओं में गर्भाशय कैंसर की आशंका अधिक रहती है।
इसलिए महिलाओं में खतरा ज्यादा
एक अन्य रिसर्च के मुताबिक दुनिया में महिलाएं बालों में अधिक कलर करती है। इसलिए इनमें कैंसर का खतरा भी अधिक रहता है। एक आंकड़े के मुताबिक कई देशों में 80 फीसदी तक महिलाएं कलर का इस्तेमाल करती है वहीं पुरुषों में यह आंकड़ा 10 फीसदी है। विशेषज्ञों के मुताबिक डाई करते समय ध्यान रखें कि इसे स्कैल्प पर न लगने दें और डाई को सूखने के बाद बालों को अच्छी तरह पानी से धोएं।
Published on:
20 Sept 2023 12:17 am
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